पारिवारिक पेंशन (Family Pension) पाने के लिए अब एक दिवंगत सरकारी कर्मचारी का मानसिक रूप से बीमार बच्चा भी हकदार है। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने दी। उन्होंने इसके साथ ही बताया कि पेंशन और पेंशनर कल्याण विभाग के संज्ञान में कुछ ऐसे मामले आए हैं, जिनमें बैंक मानसिक रूप से बीमार आश्रित बच्चों को पारिवारिक पेंशन नहीं दे रहे हैं। वे इसके लिए कोर्ट्स से अभिभावक पत्र लेकर आने को उनसे कह रहे हैं।
कार्मिक मामलों के राज्य मंत्री ने रविवार (30 जनवरी, 2022) को आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली एनडीए (NDA) सरकार आम आदमी की जिंदगी को सुगम बनाने के लिए प्रयासरत है। ऐसे हालात में मानसिक विकलांगता का सामना कर रहे किसी आश्रित बच्चे से पेंशन के लिए अभिभावक पत्र मांगना नॉमिनी की पूरी कवायद को ही निरस्त कर देता है।
बकौल सिंह, “बैंकों की यह मांग साल 2021 में लाए गए केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम का भी उल्लंघन करती है। पेंशन बांटने वाले सभी बैंकों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशकों को इस बारे में जरूरी निर्देश जारी करने के सुझाव दिए गए हैं।” उन्होंने कहा कि नियमों के वैधानिक प्रावधान और संरक्षकता प्रमाण पत्र के लिए जोर नहीं देना चाहिए।
सिंह यह भी बोले- इसी भावना से फैमिली पेंशन के लिए नॉमिनेशन का प्रावधान मानसिक विकलांगता से पीड़ित बच्चे को कोर्ट से अभिभावक प्रमाण पत्र (Guardianship Certificate) हासिल करने या अपने माता-पिता की मृत्यु के बाद पारिवारिक पेंशन का दावा करने में किसी भी परेशानी से बचने के लिए है।
मंत्री ने आगे बताया, “इसलिए ऐसे मामलों में एक बैंक की तरफ से अभिभावक प्रमाण पत्र पर जोर देने से ऐसे नॉमिनेशन का मकसद ही फेल हो जाता है और केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 [Central Civil Service (Pension) Rules, 2021] के वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन भी होता है।”
उन्होंने आगे यह भी बताया कि पेंशन विभाग ने तलाकशुदा बेटियों के लिए पारिवारिक पेंशन के प्रावधान में छूट, बुजुर्ग पेंशनभोगियों द्वारा जीवन प्रमाण-पत्र जमा करने में आसानी के लिए मोबाइल ऐप के जरिए फेस रिकग्निशन तकनीक की शुरुआत सहित कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं।