दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को राजघाट डिपो पर 100 लो फ्लोर वातानुकूलित बसों को हरी झंडी दिखाई। इस मौके पर उन्होंने कहा कि दिल्ली के सार्वजनिक परिवहन बस सेवा के बेड़े में कुल बसों की संख्या अब 6,900 हो गई है, जो अबतक का सबसे बड़ा बेड़ा है।
केजरीवाल ने कहा, ‘‘इन 100 बसों को शामिल करने के साथ सार्वजनिक परिवहन बसों के बेड़े में इनकी संख्या बढ़कर 6,900 हो गई है, जो अबतक का सर्वाधिक है। इससे पहले राष्ट्रमंडल खेलों (वर्ष 2010) के दौरान बेड़े में सबसे अधिक करीब 6000 बसें थी।’’ उन्होंने कहा कि सरकार ई-बसों सहित कई और बसें खरीद रही है।
सीएम के मुताबिक, ‘‘ निविदा की प्रक्रिया और अन्य औपचारिकताओं की वजह से नयी बसों को आने में दो से तीन साल का समय लगता है, यह एक रात में नहीं हो सकता। जब हमारी सरकार बनी, तब बसों की कमी थी क्योंकि कई वर्षों से नयी बसों की खरीद नहीं की गई थी। जब हमने खरीद की प्रक्रिया शुरू की, तब बसों की संख्या बढ़ी।’’
बकौल मुख्यमंत्री, ‘‘ निविदा की प्रक्रिया और अन्य औपचारिकताओं की वजह से नयी बसों को आने में दो से तीन साल का समय लगता है, यह एक रात में नहीं हो सकता। जब हमारी सरकार बनी, तब बसों की कमी थी क्योंकि कई वर्षों से नयी बसों की खरीद नहीं की गई थी। जब हमने खरीद की प्रक्रिया शुरू की, तब बसों की संख्या बढ़ी।’’
उन्होंने कहा कि 100 नयी बसों में से अधिकतर गुमनहेड़ा डिपो से ग्रामीण मार्गों पर चलेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं ताकि सुनिश्चित हो सके कि लोगों को नियमित अंतराल पर यात्रा के लिए बसें मिलें।’’ वहीं, कार्यक्रम में शामिल दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि शहर का परिवहन विभाग अप्रैल तक 300 ई-बसों को लाने की कोशिश कर रहा है।
इस बीच, परिवहन मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘बधाई हो। आज हमने बीएस-VI मानक वाले 100 और वातानुकूलित सीएनजी बसों को अपने बेड़े में शामिल किया। माननीय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के शानदार नेतृत्व में दिल्ली में वर्ष 2022 में और आधुनिक बसें देखने को मिलेंगी, जिनमें 100 प्रतिशत बिजली से चलने वाली बसों को भी बेड़े में शामिल किया जा रहा है।’’
गहलोत ने बताया कि प्रोटोटाइप ई-बस को मुख्यमंत्री सोमवार को हरी झंडी दिखाएंगे। उन्होंने बताया कि फरवरी के पहले या दूसरे हफ्ते में 50 और ई-बसें आएंगी और अप्रैल तक 300 ऐसी बसों को लाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की बसें देश में सुरक्षित, सुगम और सुविधाजन परिवहन व्यवस्था का उदाहण पेश करती हैं।
गहलोत ने कहा, ‘‘ इस साल दिल्ली परिवहन को बढ़ाने की हमारी विशाल योजना है फिर चाहे बस हो, मेट्रो हो या डिपो अवसंरचना। हम बिजली से चलने वाले बसों की ओर बड़ा रुख कर रहे हैं, पहली बस पहले ही दिल्ली में है और हमारे सड़कों पर परिचालन को तैयार है।’’ उन्होंने कहा कि शहरवासियों को किसी भी समय आखिरी छोर पर सुरक्षित संपर्क मुहैया कराने के लिए पैरा ट्रांजिट प्रणाली के विस्तार की प्रक्रिया चल रही है।
नयी बसें दिल्ली की नौ रूटों पर चलाई जाएंगी। इनमें से कुछ रूट, छावला स्कूल से नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन संख्या-2, नजफगढ़ टर्मिनल से आईजीआई हवाई अड्डा टर्मिनल-2, कमरुद्दीन नगर टर्मिनल से सराय काले खां, टिकरी बॉर्डर से पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन (फतेहपुरी) और सरस्वती विहार वाटर टैंक से नेहरू प्लेस टर्मिनल प्रमुख हैं।