भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासित उत्तर प्रदेश में 4500 से अधिक सहायता प्राप्त स्कूलों में मृतक आश्रितों को पारिवारिक पेंशन देने का मार्ग अब साफ हो गया है। ऐसा इसलिए, क्योंकि यूपी के वित्त विभाग ने इसके लिए के लिए नई व्यवस्था आई है। इसके तहत इन स्कूलों में नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) से आच्छादित और दिवंगत हो चुके टीचरों और नॉन-टीचिंग स्टाफ के आश्रितों के लिए पेंशन बन सकेगी और यह एकमुश्त मुहैया कराई जाएगी।

दरअसल, साल 2016 से रुपए वापसी के लिए खाता न हो पाने की वजह से यह मामला फंसा हुआ था। चूंकि, सरकार ने व्यवस्था दी थी कि एनपीएस से आच्छादित किसी टीचर या कर्मचारी का सेवा के दौरान निधन होने पर उसके आश्रितों को पारिवारिक पेंशन, तभी मंजूर की जाएगी जब उनके एनपीएस खातों में जमा पूरी रकम सरकार को लौटाया जाएगा।

रकम वापसी के लिए सरकारी कर्मचारियों के लिए खाते का बंदोबस्त किया गया था, पर सहायता प्राप्त स्कूलों में अब तक इसका कोई अकाउंट ही नहीं था। यही वजह थी कि उनकी पेंशन नहीं बन पा रही थी। हालांकि, यूपी के वित्त विभाग के स्पेशल सेक्रेट्री नील रतन कुमार ने 11 जनवरी, 2022 को जारी एक आदेश में “वित्त नियंत्रक, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, प्रयागराज, यूपी” के पद नाम से बैंक अकाउंट खोलने की व्यवस्था दे दी।

बताया जा रहा है कि इस खाता के खुल जाने से मृत टीचर्स और कर्मचारियों के एनपीएस खातों में जमा पूरी रकम ट्रस्टी बैंक के जरिए खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी। इसे वित्त नियंत्रक हर महीने कोषागार में जमा कराएंगे। साथ ही आश्रितों को पारिवारिक पेंशन की मंजूरी दे दी जाएगी।

गुजारा भत्ता का पेमेंट आदेश की तारीख सेः इस बीच, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में साफ किया है कि सीआरपीसी की धारा 125 के अंतर्गत गुजारा भत्ता का भुगतान कोर्ट के आदेश की तिथि से किया जाएगा। अदालत के अनुसार, गुजारा भत्ता का निर्धारण पति की मासिक आय के आधार पर होगा। अगर पति स्तानक बेरोजगार श्रमिक है, तब 200 रुपए रोजाना की मजदूरी के आधार पर छह हजार रुपए की आय पर बीवी को दो हजार रुपए हर महीने गुजारा भत्ता के आदेश में अवैधानिकता नहीं है।