7th Pay Commission Latest News in Hindi: पंजाब में चुनाव से पहले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने ग्रुप डी के कर्मचारियों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब उनके सूबे में ग्रुप-डी पदों के लिए नियमित आधार पर नियुक्तियां होंगी।
सोमवार (18 अक्टूबर, 2021) को चंडीगढ़ में मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद सीएम चन्नी ने बताया कि मंत्रिमंडल ने ग्रुप-डी पदों के लिए नियमित आधार पर नियुक्तियां करने का भी फैसला किया है। बता दें कि ग्रुप-डी पदों में चपरासी और चालक आदि के पद आते हैं।
मंत्रिमंडल ने इसके अलावा शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ताओं के पानी के बिल का बकाया माफ करने का फैसला किया। सरकार के इस फैसले से राज्य पर करीब 1,800 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा। यही नहीं, मंत्रिमंडल ने इसके अलावा पानी का शुल्क 50 रूपए प्रतिमाह तय करने का भी फैसला किया।
चन्नी ने आगे कहा, ‘‘हम सभी शहरों में करीब 700 करोड़ रुपए के पानी के बकाया बिल को माफ कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘गांवों में, पंचायतों के पानी के लंबित बिल भी माफ किए जाएंगे।’’ इस पर तकरीबन 1168 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
चन्नी ने कहा कि मंत्रिमंडल ने फैसला किया है कि ट्यूबवेलों में जलापूर्ति करने पर बिजली के जो बिल आएंगे उनका भुगतान राज्य सरकार करेगी। आपको बता दें कि अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इस राहत की घोषणा की गई है।
आशाकर्मियों का मानदेय बढ़ाने की मांग पर प्रदर्शनः उधर, भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने आशा (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) कर्मियों के साथ उनके वेतन में वृद्धि की मांग को लेकर सोमवार को यहां मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के समीप प्रदर्शन किया। भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि उनकी पार्टी मजबूती से आशा कर्मियों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि यह ‘‘शर्मनाक’’ है कि केजरीवाल सरकार ने 2018 में आशा कर्मियों का मानदेय दोगुना करने के मोदी सरकार के फैसले को लागू नहीं किया है।
गुप्ता ने कहा, ‘‘अपनी घरेलू जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देने के बजाय टीकाकरण और स्वच्छता जैसे महत्वपूर्ण अभियानों में भाग लेने वाली आशा कर्मियों को अगर सरकार यह मुहैया नहीं करा सकती है तो उसे खुद पर शर्म आनी चाहिए।’’ दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं वहां के दौरों में केजरीवाल ने बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की है लेकिन आशा कर्मियों पर कोई ध्यान नहीं दिया।