उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपनी सरकार के 4.5 सालके कामकाज़ का रिपोर्ट कार्ड जारी किया। इस दौरान उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां बताते हुए पिछली सरकार पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि वो अयोध्या आने से डरते थे। साथ ही उन्होंने कहा कि वे टि्वटर खेलने के ही काबिल हैं।
अयोध्या में रामलला के दर्शन करने पहुंचे यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने वहां पर आयोजित बीजेपी की ओबीसी मोर्चा की बैठक में भी हिस्सा लिया। उन्होंने इस दौरान कहा कि योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव के सबको देंगे। यह कहा जाता था लेकिन आजादी के बाद देश में तुष्टीकरण की राजनीति देश में चल रही थी।
सीएम योगी ने कहा कि हजारों वर्षों के इतिहास को भुला दिया गया था। कोई अयोध्या आता ही नहीं था सरकारों को लगता था कि अयोध्या जाने का मतलब उन पर सांप्रदायिकता की मुहर लग जाएगी। अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि यह वही राज्य है जहां हर तीसरे चौथे दिन दंगा होता था। 2012 से 2017 के बीच कितने दंगे होते थे।
उन्होंने सपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके समय में अयोध्या में दुर्गा पूजा के जुलूस को नहीं निकलने दिया गया था। सीएम योगी ने कोरोना काल की बात करते हुए कहा कि योजनाओं को पहुंचाने का काम बीजेपी कर रही थी। कुछ लोग तो केवल ट्विटर पर खेल रहे थे उन्हें चुनाव के समय भी ट्विटर पर खेलने के लिए छोड़ देना चाहिए।
योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन के दौरान विपक्षी पार्टियों पर हमला करते हुए कहा कि जाति की राजनीति करके समाज में एक खाई पैदा करना चाहते हैं.. उसको काटने के बजाय चौड़ा करने का काम करते हैं। यह लोग यूपी को फिर से दंगा युक्त प्रदेश बनाना चाहते हैं। योगी आदित्यनाथ ने एक ट्वीट के जरिए भी बिना किसी का नाम लिए हुए कहा है कि मैं देख रहा था, लखनऊ में एक परिवार है, वह कोरोना काल में कहीं नहीं निकला। लेकिन जब CAA के विरोध में उपद्रवी सड़कों पर आगजनी करने आ रहे थे, तो उनके समर्थन में पूरा खानदान निकल पड़ा था।