चुनाव से पहले बीजेपी छोड़, सपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य चुनाव हार गए हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य फाजिलनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे। मौर्य बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकने की हुंकार भर रहे थे। आरएसएस और बीजेपी की तुलना नाग और सांप से कर खुद को नेवला बता आ रहे थे।
क्या ट्वीट किया था स्वामी प्रसाद मौर्य ने?: भाजपा छोड़ने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि “नाग रूपी आरएसएस और सांप रुपी भाजपा को स्वामी रुपी नेवला यूपी से खत्म करके ही दम लेगा।” इतना ही नहीं, स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक और बयान में कहा था कि “स्वामी प्रसाद मौर्य कोई कच्चे खिलाड़ी नहीं है, योगी और मोदी को ऐसे नचा-नचाकर कर पटकुंगा कि वो भी क्या याद करेंगे कि किसी स्वामी प्रसाद मौर्य से पाला पड़ा था।”
हार के बाद क्या बोले स्वामी प्रसाद मौर्य?: हालांकि विधानसभा चुनाव में स्वामी प्रसाद मौर्य अपना ही चुनाव हर गए और बीजेपी फिर एक बार पूर्ण बहुमत पाकर सरकार बनाने जा रही है। इसी बीच जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्विटर पर लिखा कि “समस्त विजयी प्रत्याशियों को बधाई। जनादेश का सम्मान करता हूं। चुनाव हारा हूं, हिम्मत नहीं। संघर्ष का अभियान जारी रहेगा।” स्वामी प्रसाद मौर्य के इस ट्वीट पर अब लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
लोगों की प्रतिक्रियाएं: उदय नारायण नाम के यूजर ने लिखा कि “नेवला जी को नमस्कार।” सीआर चौधरी नाम के यूजर ने लिखा कि “नेवला जी, अब कौन से बिल में घुसोगे?” भास्कर पाण्डेय नाम के यूजर ने लिखा कि “पहले यह बताईए की हार के बाद कैसा महसूस कर रहें हैं?” गुलाबो चाचा नाम के यूजर ने लिखा कि “नेवला जी का आगे का क्या विचार है?”
प्रसन्न मिश्रा नाम के यूजर ने लिखा कि “क्या श्रीमान जी ? कहां तो आप नागरुपी RSS और सांप रुपी BJP को नेवला बनकर खत्म करके ही दम लेने वाले थे। इसीलिये 5 साल सत्ता मे रहने के बाद मुख्य मौके पर पार्टी छोड़ दिया। आत्ममंथन करिये, क्या वह उचित था?” आलोक नाम के यूजर ने लिखा कि “नेवला.. अब कौन सी पार्टी में ज्वाइन करोगे?”
पी रामकिंकर ने लिखा कि “अरे नहीं मौर्या जी, ऐसा मत कहिए। आप तो जहां से खड़े होते हैं हवा वहीं से चलती है। आपको तो अभी युगांडा का राष्ट्रपति बनाया जाएगा।” ठाकुर राघवेंद्र सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि “आप नेवला तो नहीं बन पाए लेकिन खुद ही ना घर के रहे और ना घाट के।” मानस नाम के यूजर ने लिखा कि “हां नेवला जी, दोबारा परिवार को राजनीति में स्थापित करने के लिए अब तो कुछ ज्यादा ही संघर्ष करना पड़ेगा।”