समाजवादी पार्टी (Samjwadi Party) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने रामचरितमानस और शुद्र को लेकर दिए गए बयान के बाद से ही लगातार चर्चा में हैं। उनकी बयानबाजी ने यूपी की जातीय राजनीति को हवा दे दी है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर ट्ववीट के जरिये आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) का जिक्र करते हुए रामचरितमानस (Ramcharitmanas) की कुछ पक्तियां हटाने की मांग की है। उनके इस ट्ववीट पर लोग कई तरह के रिएक्शन दे रहे हैं।

सपा नेता ने किया ऐसा ट्ववीट

सपा नेता व पूर्व मंत्री ने ट्ववीट किया,”जाति-व्यवस्था पंडितो (ब्राह्मणों) ने बनाई है, यह कहकर RSS प्रमुख श्री भागवत ने धर्म की आड़ में महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ो को गाली देने वाले तथाकथित धर्म के ठेकेदारों व ढोंगियों की कलई खोल दी, कम से कम अब तो रामचरित्र मानस से आपत्तिजनक टिप्पड़ी हटाने के लिये आगे आयें।”

उन्होंने अपने अगले ट्ववीट में लिखा कि यदि यह बयान मजबूरी का नहीं है तो साहस दिखाते हुए केंद्र सरकार को कहकर, रामचरितमानस से जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर नीच, अधम कहने तथा महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को प्रताड़ित, अपमानित करने वाली टिप्पणियों को हटवायें। मात्र बयान देकर लीपापोती करने से बात बनने वाली नही है।

लोगों के रिएक्शन

@Kuldeep74339291 नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा,”स्वामी प्रसाद मौर्या जी..ने अकेले पूरी बीजेपी को हिला के रख दिया। कारण क्या ये पता है। क्योंकि मौर्या जी…समाज की सच्चाई पर अडिग है। जो पिछड़ों, दलितों, शूद्रो को अपमानित किया जाता रहा है। अब ये नहीं चलेगा। मौर्या जी..आप बिल्कुल सही पकड़े हो अब छोड़ना नहीं। अब आर पार ही होगा।” @ashu30able नाम के एक यूजर ने कमेंट किया- आदिवासी को गाली नहीं, सीधे राष्ट्रपति बनाया गया है। ये ध्यान रहे पूर्व ने भाजपा के मंत्री व दल बदलू मौर्या जी। @CAVivekJi नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया- बहुत बढ़िया। इसी तरह लगे रहिए। जो काम (सपा को साफ करने का) बीएसपी ने दिया है, उसे पूरा करिए। फिर बीएसपी में आपकी पुनः एंट्री पक्की।

RSS प्रमुख ने दिया ऐसा बयान

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत रविवार (5 फरवरी 2023) को मुंबई में रामचरितमानस विवाद के बीच जातिवाद को लेकर कहा कि हमारे समाज के बंटवारे का फायदा उठाकर दूसरे देश ने आक्रमण किया और बाहर से आए लोगों ने इसका फायदा उठा लिया। भगवान ने हमेशा बोला है कि हमारे लिए कोई जाति, वर्ण नहीं है लेकिन पंडितों ने श्रेणी बांट दी है। जो बहुत गलत था।