महाराष्ट्र की राजनीतिक उठापठक के बीच भाजपा ने राज्यपाल से मिलकर मौजूदा सरकार से बहुत साबित करने की मांग की तो उद्धव ठाकरे सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इससे पहले शिवसेना के नेता कह रहे थे कि बहुमत साबित करना होगा तो हम साबित करके दिखा देंगे। इसी पर पत्रकार सुशांत सिन्हा ने शिवसेना सरकार पर तंज कसा है।
सुशांत सिन्हा ने लिखा कि ‘कल तक कह रहे थे कि शिंदे सारे विधायकों को किडनैप करके ले गए हैं। अब फ्लोर टेस्ट होने लगा तो सुप्रीम कोर्ट चले गए। अरे भाई, अगर विधायक किडनैप हैं तो उन्हें विधानसभा में बंदूक दिखाकर थोड़े वोट डलवा लेगा कोई। आने दीजिए, फ्लोर टेस्ट रोकना चाह रहे हैं। मतलब मामला खत्म है आपका।’
लोगों की प्रतिक्रियाएं: प्रिंस श्रीवास्तव ने लिखा कि ‘विधायक किडनैप हैं तो ये सब जाकर केस क्यों नहीं करते। असल बात ये है कि विधायक भी डर के साए में जी रहे थे। महाराष्ट्र से इसलिए भागना पड़ा।’ संजीव झा ने लिखा कि ‘सुप्रीम कोर्ट ने कहीं भी यह प्रतिबंध नहीं लगाया है कि सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित न करने के लिए बोला जाए। मलतब विश्वास साबित करने पर रोक नहीं लगी हुई है, इसलिये ये सब कहीं भी जाएं राज्य का संवैधानिक हक राज्यपाल का होता है।’
राहुल नाम के यूजर ने लिखा कि ‘सुशांत भाई आप जले पर नमक छिड़क रहे हो। नियति जब हिसाब करती है तो क्या हाल होता है, ये उद्धव ठाकरे से पूछिए।’ सत्या नाम के यूजर ने लिखा कि ‘कल तक हमारे साथ पूरी सेना है बोलने वाले 16 MLA को निलंबित करने से रोकने के लिये सुप्रीम कोर्ट कौन गया था?’
आशीष नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अगर सब विधायक शिंदे के पक्ष में हैं तो पूरे भारत का भ्रमण क्यों कर रहे हैं? छोड़ दो उन्हें। विधायक साथ हैं पर 10 दिन से मुंबई आने की हिम्मत नहीं हो रही।’ चिंतन कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि ‘एक साथ 2 बातें नहीं हो सकती। एक तो सुप्रीम कोर्ट ने 11 तारीख दी हुई है और उस मामले पर फैसला बाकी है। पहले उसका निपटारा हो तब फ्लोर टेस्ट हो। उसके पहले फ्लोर टेस्ट करना बेमानी है।’
बता दें कि शिवसेना के करीब 40 विधायक असम के गुवाहाटी चले गए। इन विधायकों की तरफ से एकनाथ शिंदे ने कहा है कि हम महाविकास अघाड़ी सरकार के समर्थन में नहीं है। इसके बाद भाजपा के नेताओं ने राज्यपाल से मिलकर उद्धव ठाकरे सरकार को सदन में बहुमत साबित करने की मांग की है। सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।
