राष्ट्रीय संघ सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने 22 सितंबर यानी गुरुवार को दिल्ली में ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के चीफ इमाम डॉ इमाम उमर अहमद इलियासी से मुलाकात की। इस मुलाकात से पहले उन्होंने कई और मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ चर्चा की थी। मोहन भागवत इलियासी से मिलने के लिए दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग मस्जिद में स्थित उनके कार्यालय पहुंचे थे। इस मुलाकात पर कई कांग्रेस नेताओं ने कटाक्ष किया है।

मोहन भागवत और इलियासी के बीच एक घंटे हुई मुलाकात

इन दोनों के बीच हुई मुलाकात को लेकर आरएसएस के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेडकर ने कहा कि वह सभी क्षेत्रों के लोगों से मुलाकात करते रहते हैं, यह एक सतत सामान संवाद प्रक्रिया का हिस्सा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इमाम इलियासी और भागवत के बीच करीब 1 घंटे से ज्यादा की बातचीत हुई।

कांग्रेसी नेताओं ने किया कटाक्ष

कांग्रेस नेत्री अलका लांबा ने इमाम और मोहन भागवत के बीच हुई मुलाकात पर तंज कसते हुए लिखा कि, ‘मुस्लिम तुष्टीकरण…राम-राम, तौबा – तौबा, संबित पात्रा देखो क्या हो रहा है?’ कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कटाक्ष कर कमेंट किया – भारत जोड़ो यात्रा का असर दिखने लगा। कांग्रेस नेताओं के साथ आम सोशल मीडिया यूजर्स भी संबित पात्रा पर निशाना साधते नजर आ रहे हैं। दरअसल, हाल में ही बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल गांधी की एक तस्वीर की थी। जिसमें वह हिजाब पहने एक बच्ची का हाथ पकड़े हुए थे। उसको उन्होंने तुष्टीकरण की राजनीति बताई थी।

लोगों के प्रतिक्रियाएं

दीपक शर्मा नाम के ट्विटर यूजर द्वारा लिखा गया कि आखिर में भारत जोड़ो यात्रा के रुझान आ गए। असीम नाम के यूजर ने पूछा – संबित पात्रा जी आप क्या कहेंगे? विक्रम नाम के एक यूजर द्वारा कमेंट किया गया, ‘भारत सही मायने में तो जुड़ने लगा है।’ छाया ठाकुर नाम की एक ट्विटर यूजर कमेंट करती हैं – देखो संबित पात्रा, ये तुम्हारे संघ के मुखिया तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे हैं। पुष्पेंद्र नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘भारत जोड़ो यात्रा से घबराकर संबित पात्रा के लोग तुष्टिकरण की राजनीति करने लगे।’

हिरदेश नाम के टि्वटर हैंडल से लिखा गया कि अच्छा प्रयास है, सराहनीय। नफरत फैलाकर कुछ भी नहीं मिलने वाला है, सब इकट्ठा रहें और एकजुट रहें। इसी में देश की भलाई है। दीपेश गुप्ता नाम ट्विटर यूजर द्वारा कमेंट किया गया, ‘भारत जोड़ो यात्रा के अभी 135 दिन और बचे हुए हैं, तब तक कहीं संघ वाले रोजा न रखने लगे।’