पश्चिम बंगाल की हाई-प्रोफाइल सीट नंदीग्राम में नामांकन के बाद चुनाव अभियान के दौरान बुधवार (10 मार्च) शाम के वक्त मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हादसे का शिकार हो गई थीं। ममता की हालत देखते हुए उन्होंने नंदीग्राम से कोलकाता के बीच ग्रीन कॉरिडोर बनाकर लाया गया और SSKM अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि उनके बाएं पैर और टखने की हड्डी में गंभीर चोट लगी है जबकि दाएँं कंधे, बांह और गर्दन में भी चोट है। टीएमसी का तरफ से ममता के पैरों में प्लास्टर लगी तस्वीर और अस्पताल से वीडियो भी शेयर किया गया।
ममता बनर्जी की चोट को बीजेपी और कांग्रेस की तरफ से नाटक बताया गया। सोशल मीडिया पर भी ममता बनर्जी के विरोधियों ने चोट को चुनावी स्टंट बताया। वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने ममता बनर्जी की चोट को नाटक बताने वाले नेताओं और राजनीतिक दलों पर निशाना साधा।
एनडीटीवी पर रवीश ने अपने प्रोग्राम प्राइम टाइम विद रवीश कुमार में कहा कि ममता पर निशाना साधने वालों को थोड़ा संवेदनशीलता से काम लेना चाहिए। उन्हें अस्पताल में जाकर ममता बनर्जी के पैर में प्लास्टर देखना चाहिए। उनकी एक्सरे रिपोर्ट देखनी चाहिए। डॉक्टरों से बात करना चाहिए। उन्हें लगता है कि वाकई में ममता बनर्जी बहाना बना रही हैं तो तुरंत अस्पताल और ड़ॉक्टर का लाइसेंस रद्द करवा देना चाहिए।
रवीश कुमार ने कहा कि ममता बनर्जी ऐसा क्यों करेंगी। जानबूझकर कोई खुद को अस्पताल में एडिमट क्यों करेगा। वो भी ऐसे टाइम पर जब चुनाव हैं। क्या ममता बनर्जी को ये नहीं पता है कि इससे वह तुनाव प्रचार नही्ं कर पाएंगी और नुकसान उन्हें ही होगा।
रवीश कुमार ने कहा कि बिना किसी जांच पड़ताल के ममता बनर्जी की चोट को जिस तरह से नाटक बताया गया वह दिखाता है कि हमारे राजनेता और राजनीतिक दल कितना असंवेदनशील हो चुके हैं। रवीश कुमार ने कहा कि अब तक ना तो प्रधानमंत्री या फिर राहुल गांधी या प्रियंका गांधी ने किसी ने भी उनका हाल-चाल नहीं पूछा है।
रवीश कुमार की इन बातों पर सोशल मीडिया में मिली जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ यूजर्स रवीश कुमार की बातों से सहमति जताते हुए लिख रहे हैं कि राजनीति से अब शिष्टाचार विलुप्त हो चुका है। वहीं कुछ यूजर्स रवीश कुमार को ट्रोल कर रहे हैं और लिख रहे हैं कि जब दूसरे दलों के लोगों पर हमला होता है तब तो आप प्राइम टाइम नहीं करते।