समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को देखते हुए मजबूरी में कृषि कानून वापस लिए हैं। एक समाचार चैनल के दौरान इसी तरह का एक सवाल भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से पूछा गया था। जिसका जवाब उन्होंने दिया था।
एबीपी न्यूज़ के साथ इंटरव्यू में एंकर सुमित अवस्थी ने राकेश टिकैत पूछा था, “कोई और पार्टी की सरकार होती तो क्या किसान आंदोलन का हल जल्दी निकल जाता? पीएम नरेंद्र मोदी की जगह कोई और प्रधानमंत्री होता तो कुछ चीजें और जल्दी हो सकती थी?” इसके जवाब में टिकैत ने कहा था – अगर बीजेपी की सरकार होती तो भी जल्दी हल निकल जाता लेकिन यहां पर किसी पार्टी की नहीं बल्कि कंपनियों की सरकारें चल रही हैं।
यूपी चुनाव की वजह से वापस हुआ किसान बिल – टिकैत ने कहा था कि हमारा काम केवल इतना था कि कानून वापसी हो जाए। हमने 13 महीने तक आंदोलन चलाया तो किसान बिल वापस कैसे नहीं होता। यह सवाल सरकार से पूछा जाए। इस विषय पर जो व्यक्ति पीएचडी करेगा, उसको इसका जवाब मिलेगा। बीजेपी को वोट दिए जाने के एक सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा था कि अगर इन्होंने काम किया होगा तो जनता इन्हें वोट देगी।
अखिलेश ने किसान आंदोलन को लेकर क्या कहा : अखिलेश यादव ने कहा कि जिस कृषि कानून से किसानों के हाल बुरे हो जाते, उस कानून को इस सरकार ने यूपी चुनाव के डर से वापस ले लिया। उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारी रथयात्रा जैसे ही आगे बढ़ रही है वैसे ही बीजेपी के होश उड़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान बिल वापसी केवल इसलिए हुई है क्योंकि बीजेपी वालों की नजर सिर्फ वोट पर है।
टिकैत को यूपी चुनाव से पहले मना पाएगी बीजेपी : यह सवाल जब आज तक न्यूज़ चैनल के रिपोर्टर ने केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान से पूछा तो उन्होंने कहा कि हम पहले भी टिकट के पास वोट मांगने के लिए गए थे और अब भी जाएंगे। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग भी आंदोलन में शामिल थे और अब वापस लौट कर आए हैं। वह बीजेपी को वोट देते थे और अब भी देंगे। टिकैत को लेकर उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से कहा गया है कि राजनीति से उनका कोई भी संबंध नहीं है।