प्रतापगढ़ के कुंडा से विधायक और जनसत्ता लोकतांत्रिक दल के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने आज तक न्यूज़ चैनल से एक इंटरव्यू के दौरान यूपी चुनाव को लेकर कई बातें कहीं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें अपनी पार्टी बनाने का ख्याल कैसे आया।

रिपोर्टर चित्रा त्रिपाठी ने राजा भैया से पूछा – आप राजनाथ से लेकर अखिलेश यादव तक की सरकार में मंत्री बने थे। निर्दलीय लड़ने पर आपको यह फायदा रहता है कि किसी की भी सरकार बने आप उसकी तरफ चले जाएंगे? इसके जवाब में राजा भैया ने कहा, ” हमने बहुत सारे साल विपक्ष में भी काटे हैं। मंत्री पद और सत्ता पाना हमारा कभी लक्ष्य नहीं है। हम राजनीति को जनता की सेवा करने का एक माध्यम मानते हैं।”

योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपकी पार्टी कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी। जहां आपकी पार्टी चुनाव नहीं लड़ेगी वहां से छत्रिय एकता की बात तो उठेगी? इस पर राजा भैया ने कहा कि सीएम योगी अभी 4 साल पहले यूपी के मुख्यमंत्री बने हैं लेकिन वह गोरखपुर के पीठाधीश्वर पिछले कई सालों से हैं। उनकी पीठ से हमारे पुरखे वर्षों से जुड़े हुए हैं। उस गोरखनाथ पीठ के प्रति हम लोग निष्ठावान हैं।

बीजेपी की बी टीम होने के सवाल पर राजा भैया ने दिया था ऐसा जवाब, सुनकर हो गए थे सब लाजवाब

मायावती के शासनकाल में आप पर बहुत गंभीर आरोप लगें। उनकी पार्टी के लोग आपको कुंडा का गुंडा कहकर बुलाते थे? इस सवाल पर राजा भैया ने कहा कि वह एक दौर था, जो बीत गया। उस समय हमारे साथ अक्षय प्रताप सिंह और हमारे पिताजी पर भी पोटा लगवाया गया था। ऐसे हमारे बहुत सारे समर्थक रहें जिन पर फर्जी गैंगस्टर के मुकदमे लगवाए गए थे। उस समय भारत की राजनीति ने एक बदले का दौर देखा था।

उन्होंने अपनी पार्टी बनाने के पीछे का किस्सा साझा करते हुए कहा कि जब विधानसभा के 25 वर्ष पूरे हुए तो लखनऊ में एक विशाल रैली का आयोजन किया गया था। उसी दौरान अपने समर्थकों और शुभचिंतकों से पूछा गया था कि निर्दलीय लड़ें, स्वयं की पार्टी बनाएं या किसी और दल में शामिल हो जाए। इसमें 80% से ज्यादा लोगों का मत था कि स्वयं की पार्टी बनाई जाए।