चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने द इंडियन एक्सप्रेस के कार्यक्रम ‘ई-अड्डा’ में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने तमाम सवालों का बेबाकी से जवाब दिया। कार्यक्रम के रैपिड फायर राउंड में उन्होंने देश की सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी की अच्छाईयां और खामियां भी गिनाईं।

मोदी पर निर्भरता बीजेपी की कमजोरी: प्रशांत किशोर से पूछा गया कि बीजेपी के लिए कौन बड़ा खतरा है, कांग्रेस या आम आदमी पार्टी? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा- कांग्रेस…कभी भी। किशोर ने बीजेपी की सबसे बड़ी मजबूती और खामी भी गिनाई। कहा कि भाजपा की सबसे बड़ी मजबूती उसका संगठन है, जबकि नरेंद्र मोदी पर हद से ज्यादा निर्भरता सबसे बड़ी कमजोरी है। इसी दौरान उन्होंने यह भी बताया कि उनका पसंदीदा नेता कौन है

जब उनसे पूछा गया कि साल 2024 में देश का नेतृत्व करने के लिए कौन सी पार्टी सबसे बेहतर होगी? तो वे इस सवाल को मुस्कुराते हुए टाल गए और कहा कि इसका फैसला जनता को करने दीजिये। चुनाव तो इसी लिये होते हैं और मत भी गुप्त रखा जाता है।

प्रशांत किशोर ने कहा कि लगातार ऐसा दावा किया जाता है कि भारतीय जनता पार्टी को हालिया चुनाव में ध्रुवीकरण का खासा फायदा मिला लेकिन इस तथ्य को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है। धरातल पर स्थिति कुछ अलग है। उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि तमाम हिंदू भाजपा के एजेंडे से खुश हैं लेकिन आपको 50 में से कम से कम एक हिंदू तो ऐसा मिल जाएगा जो इससे अलग सोचता हो। ऐसे में यह कहना कि हिंदू मुस्लिम तुष्टीकरण की वजह से कोई चुनाव जीत गया या हार गया… पूरी तरह गलत होगा।

क्या सारे हिंदू भाजपा से खुश? प्रशांत किशोर ने भाजपा का जिक्र करते हुए कहा कि आपको तमाम लोग ऐसे मिल जाएंगे जो यह कहते दिखेंगे कि ‘भारत का भगवाकरण हो गया है’। चलिए एक मिनट के लिए इसे मान भी लेते हैं, इस हिसाब से तो सारे हिंदू भाजपा के एजेंडे से खुश हैं और उन्हें बीजेपी को वोट करना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं है। बीजेपी के खाते में कुल 38 परसेंट वोट हैं, गणित का सामान्य विद्यार्थी भी आपको बता देगा कि आधे हिंदू भी भाजपा को वोट नहीं कर रहे हैं।

हालांकि प्रशांत किशोर ने बातचीत में दो टूक कहा कि अगले 20 सालों तक देश की राजनीति बीजेपी की इर्द-गिर्द ही रहेगी। विपक्षी दलों को भी इसी अनुसार रणनीति बनाने की आवश्यकता है, न कि किसी एक चेहरे पर फोकस करे।