गुजरात के मोरबी में हुए हादसे में अब तक करीब 140 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जानकारी के अनुसार, 177 लोगों को बचाया गया है। नदी में लोगों को तलाशने का प्रयास किया जा रहा है। मोरबी में बना यह पुल पिछले 6 महीने से बंद था। करीब 2 करोड़ रुपए की लागत से इस पुल का मरम्मत का काम पूरा किया गया था और 25 अक्टूबर को ही इसे आम लोगों के लिए खोला गया था। इस पुल के टूटने के बाद पीएम मोदी का पुराना वीडियो शेयर कर लोग तंज कस रहे हैं।

कोलकाता ब्रिज हादसे के बाद क्या बोले थे पीएम ?

पश्चिम बंगाल में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में कोलकाता के विवेकानंद रोड फ्लाईओवर हादसे को लेकर बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की आलोचना की थी। पीएम मोदी ने कहा था, “यह दैविक कृत्य इस मायने में है कि यह हादसा चुनाव के ऐन वक्त पर हुआ है, ताकि लोगों को यह पता चल सके कि उन पर किस तरह की सरकार शासन कर रही है। ईश्वर ने यह संदेश भेजा है कि आज यह पुल गिरा है, कल वे पूरे बंगाल को खत्म कर देंगी। आपके लिए ईश्वर का संदेश बंगाल को बचाना है।” अब पीएम मोदी के इसी बयान को लेकर विपक्ष कटाक्ष कर रहा है।

कांग्रेस नेताओं किया कटाक्ष

कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने लिखा कि गुजरात में मोरबी में मच्छु नदी पर बना केबल पुल टूटा, करीब 400 लोगों नदी में गिरे। 27 साल से भाजपा है शासन में, मोदी जी ये ऐक्ट ऑफ़ गॉड नहीं ऐक्ट ऑफ़ फ़्रॉड है। आपने ही कहा था कोलकाता में। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर पूछा है कि मैंने कहा कि भाजपा “Act Of Fraud” का समर्थन करती है। मजबूती के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है?

सुप्रिया श्रीनेत ने लिखा कि डबल इंजन की सरकार का दम्भ भरने वालों की देख रेख में बना 1 साल पुराना पुल धराशायी हो गया। रणविजय सिंह ने पीएम मोदी के पुराने बयान का वीडियो शेयर कर लिखा कि मैंने बहुत खोजा, एक विपक्ष का नेता नहीं मिल रहा जो गुजरात में हुई दुर्घटना पर राजनीति कर रहा हो। सब ईश्वर से जनता की सलामती की प्रार्थना कर रहे हैं लेकिन ये वीडियो मिल गया, 2016 का। तब कोलकाता में एक पुल गिर गया था और उस पर राजनीति हुई थी।

बता दें कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत तमाम नेताओं ने इस घटना पर दुःख व्यक्त किया है। अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। आर्मी के 8 कॉलम, NDRF की 2 टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। आर्मी, एयरफोर्स और नेवी लगातार राहत बचाव कार्य कर रही है। अब इस घटना की जांच की मांग की जा रही है।