उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक है ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां अपना चुनावी समीकरण साधने में लगी हुई हैं। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी यूपी की सियासत में इन दिनों खूब सक्रिय नजर आ रहे हैं। सपा पार्टी से गठबंधन को लेकर उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंचों से कहा है कि उनकी पार्टी बड़े दलों के बजाए छोटे दलों से गठबंधन करेगी।
वहीं उनके चाचा शिवपाल यादव भी बार-बार इशारा कर रहे हैं कि अगर अखिलेश एक बार उनसे बात कर लें तो वह सपा पार्टी के साथ चुनाव लड़ सकते हैं। एक इंटरव्यू में शिवपाल यादव से सवाल किया गया कि शुरुआत में तो आपका योगी आदित्यनाथ से मिलना – मिलाना भी होता था? इस सवाल के जवाब में शिवपाल यादव ने कहा कि, ‘ मिलना – मिलाना तो जो भी यूपी का मुख्यमंत्री होता है उससे की जाती है।’
उनकी बात पर पत्रकार ने टोकते हुए कहा कि लेकिन मायावती जी से तो नहीं होती थी? उस सवाल को टालते हुए कहा उन्होंने कि मैं तो स्वर्गीय कल्याण सिंह कई बार मिला हूं। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष का नेता मिले तो सबको खुशी होनी चाहिए। नौकरशाही सुन नहीं रही है तो उसकी शिकायत तो योगी आदित्यनाथ से ही करनी पड़ेगी न?
उनकी इस बात पर सवाल पूछा गया कि आपकी बात सुनते हैं? शिवपाल यादव ने बताया कि, ‘ हां मेरी बात सुनते हैं… अभी भी सुनते हैं… टेलीफोन पर हमारी बात हो जाती है। लेकिन भतीजे नहीं आते हैं फोन पर इसी बात का मुझे दुख है। योगी जी फोन पर आ जाते हैं… समय भी दे देते हैं । लेकिन भतीजे हमारे ना फोन पर आते हैं न हमसे मिलने के लिए समय देते हैं।’ उनसे जब पूछा गया कि आपसे सलाह भी नहीं लेते हैं?
इसके जवाब में उन्होंने कहा कि चलिए सलाह तो इसलिए नहीं लेते होंगे क्योंकि वह खुद बड़े हो गए हैं। मुख्यमंत्री हो गए हैं…बड़े हो गए हैं। बता दें कि शिवपाल यादव ने इसी इंटरव्यू के दौरान कहा था कि अगर सम्मान के साथ अखिलेश यादव हमें बुलाते हैं तो हम अपनी पार्टी का विलय कर सकते हैं। तब से ही यह कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवपाल यादव जल्द ही अपनी पार्टी का विलय समाजवादी पार्टी में कर सकते हैं।