ज्योतिरादित्य सिंधिया कभी नरेंद्र मोदी के धुर विरोधी हुआ करते थे। अपने बयानों के जरिए वह पीएम मोदी पर हमला बोलते रहते थे। कभी बीजेपी पर असहिष्णुता का माहौल बनाने का आरोप लगाते थे तो कभी उन्हें दलित विरोधी बताते थे। एक बार उन्होंने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि पीएम मोदी ने बुलेट ट्रेन का सपना दिखाया था। वह तो पूरा नहीं हुआ बल्कि उसके बजाय महंगाई उसी की तरह आसमान छू रही है। सिंधिया ने पीएम मोदी की मिमिक्री भी की थी।
एक रैली को संबोधित करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पीएम मोदी की मिमिक्री करते हुए जनता से कहा था कि जब मोदी आने वाले थे प्रचार करते थे हर शहर में जाकर कहते थे कि मेरे भाइयों बहनों… आप सबको यह याद है? पेट्रोल के दाम घटने चाहिए या नहीं? डीजल के दाम घटने चाहिए या नहीं? रसोई गैस का दाम घटना चाहिए या नहीं? सिंधिया ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा था कि, ‘ मोदी जी कहते थे कि मैं सरकार में आऊंगा तो मुंबई से अहमदाबाद के बीच में बुलेट ट्रेन चलवा दूंगा। बुलेट ट्रेन तो नहीं नसीब हुई लेकिन पेट्रोल और डीजल के दाम बुलेट की तरह ऊपर चढ़ गए।’
उसी रैली के दौरान सिंधिया ने कहा था कि डीजल के दाम 55 रुपए से बढ़कर कितने हो गए यह सब आपको पता है। एक दूसरी रैली को संबोधित करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि, ‘ भोपाल और विदिशा के बड़े-बड़े पेपर में बड़े-बड़े विज्ञापन लगवाए थे क्या कुछ किया?’ अपनी बात को बढ़ाते हुए सिंधिया ने कहा था कि मुझे तो एक गाना याद आता है। 1980 की फिल्म का गाना है। उस फिल्म के गाने का नाम था क्या हुआ तेरा वादा, वो कसम,वो इरादा…. ।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा था कि एक तरफ सामाजिक ताना-बाना तोड़ने का काम हो रहा है। दूसरी तरफ महंगाई की तो बात ही मत करिए। मोदी जी कहते थे न मुंबई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन आएगी। वह तो नहीं आई लेकिन गैस पेट्रोल और डीजल का दाम बुलेट की तरह आसमान छू रहे हैं। अपने संबोधन में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि घरेलू उत्पादन दर की परिभाषा इन्होंने बदल दी। जीडीपी का मतलब इन्होंने बढ़ता हुआ गैस का दाम बना दिया है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी सरकार के 3 साल के कार्यकाल पूरा होने पर भी जमकर हमला बोला था। उन्होंने पीएम मोदी को फेल बताते हुए कहा था कि इस दौरान देश में असहिष्णुता का माहौल बनाया गया है। उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार ने 2014 में सत्ता में आने से पहले अच्छी दोनों और कुछ नया करने का सपना दिखाया था। उन्होंने अच्छे दिन लाने के बजाय देश की 125 करोड़ लोगों के सपने चूर कर दिए। उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाया था कि सरकार लोगों पर दबाव बना रही है कि वह क्या सीखे, क्या पढ़े, क्या खाएं और क्या पहने।