उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राजनीतिक दलों के बीच जनता को लुभाने और एक-दूसरे पर छींटाकसी तेज हो गई है। आज तक न्यूज़ चैनल के एक कार्यक्रम के दौरान बहुजन समाज पार्टी के नेता धर्मवीर चौधरी ने भाजपा को घेरते हुए कथनी करनी में फर्क का आरोप लगाया। उन्होंने कहा ये लोग राम को पूजते हैं लेकिन सीता को जगह नहीं देना चाहते हैं।
चौधरी ने कहा, मायावती महिलाओं की अस्मिता की प्रतीक हैं। उनकी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने कहा, आरएसएस के लोग सुबह जिन पार्कों में दिखते हैं वहां पर एक भी बहन बेटी नहीं रहती हैं।
एंकर ने चौधरी से पूछा कि आपको आरएसएस वालों के पार्क में बैठने से दिक्कत है या महिलाओं के शामिल न होने से? इस पर धर्मवीर ने कहा, महिलाओं की भागीदारी न होना चिंता की बात है। उन्होंने समाजवादी पार्टी को घेरते हुए मुलायम सिंह यादव का बयान दिलाया जिसमें उन्होंने कहा था, लड़कों से गलती हो जाती है।
एंकर ने 2019 के लोकसभा चुनाव की याद दिलाते हुए पूछा तक सपा और बसपा के बीच गठबंधन क्यों हुआ था। इस पर चौधरी ने कांशीराम का जिक्र करते हुए कहा, उन्होंने कहा था कि दलितों, वंचितों और शोषितों के हित के लिए अगर सत्ता प्राप्त करनी हो तो राक्षसों से भी हाथ मिला लेना चाहिए।
बातचीत आगे बढ़ी तो धर्मवीर चौधरी ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया और पूछा कि प्रियंका गांधी राजस्थान और छत्तीसगढ़ में महिलाओं को आरक्षण क्यों नहीं दे रही हैं। इन आरोपों पर यूपी सरकार में मंत्री स्वाति सिंह ने कहा, बसपा का दुर्भाग्य है कि महिलाओं के मुद्दे पर बात के लिए एक पुरुष को भेजा गया है।
