जम्मू कश्मीर में प्रवासी मजदूरों की हत्या को लेकर न्यूज़ 18 इंडिया के शो ‘आर-पार’ में डिबेट के दौरान बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने विपक्षियों पर हमला बोला। एंकर अमिश देवगन के एक सवाल के जवाब में बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, ‘कश्मीर भारत का एकमात्र राज्य था जो सेकुलर नहीं था। ऐसा इसलिए था क्योंकि भारत का कोई भी संविधान संशोधन अपने आप कश्मीर पर लागू नहीं होता था, जब तक वहां की सदन इसे मान्यता नहीं दे देती थी। जम्मू कश्मीर 5 अगस्त 2019 में सेकुलर राज्य बना। जो प्रदेश सेकुलर नहीं था वही सेकुलरिज्म का प्रतीक था।’

अपनी बात को बढ़ाते हुए बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, ‘घाटी में 80 परसेंट वाले अल्पसंख्यक थे और 20 परसेंट वाले बहुसंख्यक थे। उन्होंने कहा कि इस डिबेट में मौजूद सलमान निजामी और कांग्रेस प्रवक्ता कह रहे हैं कि कश्मीर में मुसलमान भी तो मारे जा रहे हैं। इनकी बात से सहमत हूं। मैं यही तो पूछना चाहता हूं कि कितने सेकुलरिज्म के सूरमा उन शहीदों के परिवार से मिलने गए?।’

उन्होंने कहा, ‘आतंकवादियों को लोगों को मारना है। कई देश में निज़ाम -ए – मुस्तफा का राज कायम है लेकिन वहां पर भी मुसलमानों को मारा जा रहा है। जिस विचारधारा का मकसद केवल लोगों को मारना है। उसको लेकर हमारी विपक्षी पार्टियों को केवल नरेंद्र मोदी नजर आ रहे हैं। मुझे लगता है कि उन्हें मोतियाबिंद हो गया है। हमारी विपक्षी पार्टियां अजगर के आगोश में बैठकर उसकी गर्माहट का आनंद ले रही हैं। जिसे यह नहीं पता है कि उन्हें यह अजगर डस जाएगा।’

इस डिबेट के वीडियो पर सोशल मीडिया पर तमाम यूजर्स भी टिप्पणी कर रहे हैं। आशीष नाम ने ट्विटर यूजर ने लिखा कि, ‘बीजेपी ने अगर समय पर कश्मीर के लिए आवाज उठाई होती तो वहां यह हालत ना होती। बीजेपी प्रवक्ता को याद रखना चाहिए कि अन्याय को देखकर चुप रहने वाला अन्याय करने वाले से ज्यादा बड़ा गुनहगार होता है।’

सम्राट सिंह लिखते हैं कि कश्मीर की हालत बांग्लादेश जैसी हो गई है। जहां अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं।’