कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके हैं। अब उनके भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं तेज हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया और पुरुषोत्तम रूपाल की उपस्थिति में हार्दिक पटेल की बीजेपी में एंट्री हो सकती है। हार्दिक पटेल ने 28 मई को वीर सावरकर की जयंती पर ट्वीट किया तो लोग उनसे तरह तरह के सवाल पूछने लगे हैं।

हार्दिक पटेल ने सावरकर की जयंती पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि ‘भारत माता के वीर सपूत, प्रखर राष्ट्रवादी एवं महान चिंतक श्री विनायक दामोदर ‘वीर’ सावरकर जी की जन्म जयंती पर उनका पुण्य स्मरण।’ हार्दिक पटेल के इस ट्वीट पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

राजेश साहू ने लिखा कि ‘हार्दिक भाई, पिछले साल इन्हें माफीवीर कह रहे थे, इस बार महान चिंतक बता रहे हो। अब गोडसे की जयंती पर उसे राष्ट्रपिता न बता देना।’ लक्ष्मण माणिकपुरी ने लिखा कि ‘इतना जल्दी रंग बदल रहे हो सोचने वाली बात है। कोई आप जैसे नेता पर यकीन नहीं करेगा क्योंकि जो अपनी बात से पलट जाये कुर्सी लोभ में, उससे बुरा नेता और आदमी दुनिया में कोई नहीं।’

राजा बाबू यादव नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अच्छा हुआ कि आप कांग्रेस में से निकल गये नहीं तो कांग्रेस को ले डूबते।’ खाजिम देशमुख नाम के यूजर ने लिखा कि ‘ये बात आपको इतने सालों में पहली बार पता चली क्या?’ शाहिल रिजवी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘आज कल इंसान कब अपनी रूह का सौदा कर ले किसी को नहीं पता।’ अश्विनी यादव ने लिखा कि ‘चार दिन अपनी विचारधारा पर जो नहीं टिक पाया, वो समाज का भला क्या ख़ाक करेगा।’

एक यूजर ने लिखा कि ‘राहुल गांधी जी इस बात को अच्छी तरह से जानते थे कि हार्दिक पटेल आरएसएस वादी और भाजपा माइंडेड लोग हैं जो कि गुजरात की कमान उसे देना ठीक नहीं समझे, आज सच सामने है।’ वंदना पाण्डेय ने लिखा कि ‘सूरज किधर से निकला है, भाजपा में आने का इरादा है क्या?’ निलेश ने लिखा कि ‘एक बात तो साफ है कि राजनीति में विचारधारा को कोई महत्व नहीं, कल तक ये हार्दिक पटेल सावरकर को माफीवीर, अंग्रेज का गुलाम पता नहीं क्या-क्या बोल रहे थे और आज सावरकर इनके लिये क्रांतिकारी, महान हो गया’

बता दें कि हार्दिक पटेल ने 18 मई को पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के साथ-साथ पार्टी के प्राथमिक सदस्य के रूप में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। तब से ही उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हैं। जब से हार्दिक ने कांग्रेस से इस्तीफ़ा दिया है तब से ही वह कांग्रेस पर तीखा हमला बोल रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस को पाटीदार और गुजरात विरोधी बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय नेताओं की कार्रवाई भी गुजरात विरोधी है।