सुप्रीम कोर्ट के SC आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू करने की इजाजत देने के खिलाफ बुधवार को दलित-आदिवासी संगठनों के द्वारा 14 घंटे का भारत बंद बुलाया गया। बंद का असर कई राज्यों में देखने को मिला। प्रदर्शनकारियों ने कुछ जगहों पर हिंसक प्रदर्शन भी किया, जबकि कई जगहों पर प्रशासन की मुस्तैदी से यह संभव नहीं हो पाया। बिहार की राजधानी पटना में तो एसडीएम खुद सड़क पर उतरकर स्थिति का जायजा ले रहे थे, लेकिन इसी दौरान उन्हें पुलिस की लाठियां खानी पड़ गई।

गलती से आम आदमी समझ पुलिसवाले ने बरसाई लाठी

दरअसल, पटना में प्रदर्शनकारियों को शांत कराते वक्त एसडीएम श्रीकांत कुंडली खंड को पुलिसवालों की गलती से लाठी पड़ गई। श्रीकांत इस दौरान बाजार में उपद्रवियों को शांत करा रहे थे तभी कुछ पुलिसवालों ने उन्हें आम आदमी समझ लाठियां बरसा दी, लेकिन पुलिस के सीनियर अधिकारी एसडीएम को जानते थे। उन्होंने तुरंत ही मामले को संभालने का प्रयास किया और स्थिति को संभाल लिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

पटना में बवाल कर रहे थे प्रदर्शनकारी

बता दें कि भारत बंद के दौरान पटना में प्रदर्शनकारियों का प्रदर्शन हिंसा में तब्दील हो गया। भीड़ ने प्रदर्शन के दौरान हंगामा करना शुरू कर दिया। पटना के डाकबंगला चौराहे पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पहले वाटर केनन चलाई, फिर लाठीचार्ज किया। सभी बेरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने भीड़ को कंट्रोल करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और फिर लाठियां भांजी। इसी दौरान सफेद शर्ट में एसडीएम साहब भी वहां पहुंच गए और स्थिति का जायजा लेने लगे। तभी उनके साथ यह घटना घट गई।

क्यों बुलाया गया भारत बंद?

बता दें कि यह भारत बंद दलित संगठनों के द्वारा सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ बुलाया गया है जिसमें SC आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू करने की इजाजत दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त को कहा था कि राज्य सरकारें अब अनुसूचित जाति यानि कि एससी आरक्षण में भी किसी को कोटा दे सकेंगी। कोर्ट ने अपना 20 साल पुराना फैसला पलटकर एक नई व्यवस्था को लागू किया था। कोर्ट ने कहा था कि अनुसूचित जातियां खुद में एक समूह इसमें शामिल जातियों के आधार पर और बंटवारा नहीं हो सकता। हालांकि कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि राज्य सरकारें मनमाने तरीके से फैसला नहीं कर सकती।