23 मार्च को महाराष्ट्र की राजनीति में जमकर हंगामा हुआ। विधायक रवि राणा और उनकी पत्नी और सांसद नवनीत राणा ने उद्धव ठाकरे के घर ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ने के ऐलान किया तो शिवसैनिकों ने जमकर हंगामा किया। अतं में नवनीत राणा ने अपने ऐलान को वापस ले लिया और कहा कि हमारा विरोध ढोंगी हनुमान भक्त के खिलाफ था। उन्होंने गुंडे भेजे, जिन्होंने हमारे घर के बाहर हंगामा किया।

आज तक चैनल पर एक चर्चा के दौरान जब शिवसेना प्रवक्ता ने सवाल पूछा गया कि क्या नवनीत राणा के हनुमान चालीसा पाठ करने के ऐलान से शिवसेना डर गई तो शिवसेना प्रवक्ता आनंद दूबे ने कहा कि ‘बचपन से हम सभी हनुमान चालीसा पढ़ते आ रहे हैं, घर पर पढ़ते हैं, मन में पढ़ते हैं, प्रदर्शन नहीं करते हैं लेकिन इनकी मंशा हनुमान चालीसा पढने की नहीं है।’

“किसे चैलेंज कर रही हैं आप?” शिवसेना प्रवक्ता ने कहा कि ‘आप बताइये कि किसी के घर पर आप चेतावनी देकर आते हैं कि मैं आ रही हूं रोक सको तो रोक लो। अरे भाई किसे चैलेंज कर रहे हैं, शिवसेना को? वो शिवसेना जिसके सामने कोई पार्टी नहीं टिक सकी। हमारे मुख्यमंत्री के बारे में अपशब्द कहते हैं। मैं तो पूछना चाहता हूं कि अमरावती के विकास को लेकर उन्होंने कितनी बार मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश की?’

आनंद दूबे ने कहा कि ‘हमारे मुख्य्मंत्री के बारे में आरोप लगाती हैं कि मुख्यमंत्री काम नहीं करते हैं। अरे आपके ऊपर फर्जी जाति प्रमाणपत्र लगाकर चुनाव जीतने का आरोप लगा है। मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। आप ये सब नहीं देख रही हैं। हनुमान चालीसा पर राजनीति कर रही हैं।’ वहीं भाजपा प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा कि ‘संवैधानिक लोकप्रकिया में अगर कोई जनप्रतिनिधि का उत्पीड़न कर रहा हो तो उसका समर्थन करना हमारा दायित्व है।’

बता दें कि हनुमान चालीसा और लाउडस्पीकर पर नमाज को लेकर पिछले काफी वक्त से महाराष्ट्र में बवाल मचा है। पहले मनसे ने मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा बजाने का ऐलान किया लेकिन जब पुलिस ने कार्रवाई की तो तीन मई तक रोक दिया गया और चेतावनी दी गई है कि अगर तीन मई तक लाउडस्पीकर नहीं हटाए तो सभी मस्जिदों के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ा जायेगा।