क्या घर से निकलने से पहले ही आपको ऊर्जा की कमी महसूस होती है? आप अकेले नहीं हैं। तीन में से एक वयस्क को हर रात तय सात से नौ घंटे की नींद नहीं मिलती है। यह आपके शरीर और दिमाग पर भारी पड़ सकता है। अपनी दैनिक आदतों में कुछ छोटे बदलाव करने के लिए खुद को तैयार करें। इससे आपके समग्र स्वास्थ्य में बड़ा बदलाव आ सकता है। चार सप्ताह तक अपने परिवार और दोस्तों के साथ इन युक्तियों को आजमाने का काफी फर्क पड़ सकता है।
पहला हफ्ता
तनाव कम करने और बेहतर नींद पाने के लिए दिन में सक्रिय रहना जरूरी है। शारीरिक गतिविधि को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। चलना मायने रखता है। यह तनाव से राहत दे सकता है। याददाश्त और ध्यान के जरिए मस्तिष्क की सक्रिय रखें। यह आपको रात में बेहतर नींद लेने में मदद कर सकता है। तनाव कम करने के लिए ध्यान या गहरी सांस लेने का प्रयास करें। यदि सोने के समय के बहुत करीब व्यायाम करने से आप जागते रहते हैं, तो दिन में पहले व्यायाम करने और शाम को कुछ आरामदेह योग करने का प्रयास करें।
दूसरा हफ्ता
सोते समय बिना अलार्म की रात्रिकालीन दिनचर्या स्थापित करें। बेहतर नींद के लिए हर दिन एक ही समय पर बिस्तर पर जाएं और जागें। दैनिक सोने का अलार्म सेट करें। रात्रि की दिनचर्या स्थापित करके अपने सोने के समय का ध्यान रखें, जिसमें आराम करने के लिए पर्याप्त समय हो।
तीसरा हफ्ता
सकारात्मक गतिविधि के साथ सुबह की दिनचर्या बनाएं। अपनी सुबह की शुरुआत में चारों ओर घूमना, ध्यान लगाना या योग जैसी स्वस्थ गतिविधियां करें। अलार्म बजने के बाद सोने से आपको सुबह सुस्ती महसूस हो सकती है। आदत को सुधारने का प्रयास करें। किसी ऐसी चीज से जोड़ें जो आप हर सुबह स्वाभाविक से करते हैं।
चौथा हफ्ता
अपने फोन और अन्य उपकरणों को अपने बिस्तर से दूर चार्ज करें। रात में मोबाइल पर गतिविधि करने के बजाय पढ़ने, संगीत सुनने या पाडकास्ट देखने का प्रयास करें। चमकदार नीली रोशनी आपके नींद के चक्र को खराब कर सकती है। लिहाजा नींद को चुनें। एक पुराने जमाने की अलार्म घड़ी आजमाएं और अपने बिस्तर के पास एक पेन और नोटपैड रखें ताकि आप अपने फोन से ध्यान हटा सकें। यदि फिर भी अच्छी नींद नहीं ले पा रहे हैं, तो आपको नींद संबंधी विकार हो सकता है। अपने चिकित्सक से बात करें।