पैदल चलना अच्छी सेहत के लिए कमाल करता है। इससे न सिर्फ कई बीमारियों का खतरा कम होता है, बल्कि चुस्ती-फुर्ती भी बरकरार रहती है। हर व्यक्ति को रोजाना सुबह व शाम पैदल चलना चाहिए। यह एक ऐसा सहज शारीरिक मूलमंत्र है, जिसके लिए न तो किसी उपकरण की जरूरत होती है और न ही भागने-दौड़ने या व्यायाम करने की। इसके लिए किसी पर निर्भर भी नहीं रहना पड़ता।
किसी भी उम्र में अपनी क्षमता के अनुसार चला जा सकता है। हालांकि उम्र के हिसाब से यह जानना भी जरूरी है कि एक दिन में कितने कदम चलने चाहिए। यह जानना भी मुश्किल नहीं है क्योंकि मोबाइल में ऐसे एप रहते हैं जो एक अंदाज तो बता ही देते हैं। तो चलने की आदत डालिए और उसके नतीजे देखिए। बस उम्र के हिसाब से कदमों का ध्यान जरूर रखना है।
वैसे तो प्रतिदिन हर व्यक्ति को आधा घंटा तो चलना ही चाहिए। कम से कम दिन भर में 10,000 कदम चलना चाहिए। यानी 5 से 7 किलोमीटर। अगर उम्र की बात करें तो 5 से 7 साल तक के बच्चों को रोजाना 12000 से 15000, 18 से 40 साल तक के लोगों को भी रोज 12000, 40 की उम्र पार कर चुके लोगों को 11000, 50 की उम्र के लोगों को प्रतिदिन 10000 और 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों को 8000 कदम तक चलना चाहिए। लेकिन यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है तो चिकित्सीय परामर्श अवश्य लेना चाहिए।
पैदल चाल के कई फायदे हैं। नियमित चलने से वजन संतुलित रहता है। प्रतिदिन 30-40 मिनट तक घूमना अतिरिक्त कैलोरी को कम करने में मददगार होता है। चलने-फिरने से तनाव भी कम होता है। तनाव में होना बहुत नुकसानदेह होता है। यह कई मानसिक व शारीरिक बीमारियों को न्योता है।
अगर रोज सुबह टहलेंगे, तो तनाव घर नहीं कर पाएगा। चलना-फिरना दिल को भी दुरुस्त रखता है। यह दिल से संबंधित बीमारियों के खतरे को काफी हद तक कम कर देता है। हृदय की बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए पैदल चलना अच्छा विकल्प हो सकता है। पैदल चलने से मधुमेह भी नियंत्रित रहता है। मधुमेह अनियंत्रित जीवनशैली के कारण होने वाली आम बीमारियों में से एक है।
सुबह घूमने-फिरने से इस बीमारी को काफी कुछ काबू में किया जा सकता है। शोध के अनुसार, सुबह 30 मिनट की सैर रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के साथ टाइप-2 मधुमेह से निजात दिला सकती है। कठिन व्यायाम किए बिना शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए रोजाना पैदल चलने की आदत डालनी चाहिए। पैदल चलना एक बढ़िया विकल्प है, जिससे पैर, पेट और शरीर के अन्य हिस्से सही रहते हैं।
रात में खाएं, टहलने जाएं
जीवनशैली काफी बदल गई है। लोग खाना खाते हैं और फिर लंबे समय के लिए बैठ जाते हैं, या रात के समय लेट जाते हैं। लेकिन ऐसा करना शरीर के साथ खिलवाड़ है, मोटापे और बीमारियों को खुला न्योता है। इस जीवनशैली का सीधा असर पाचन तंत्र पर पड़ता है। इसलिए खाने के बाद कुछ देर घूमना-फिरना बेहद जरूरी होता है। यदि रोज रात में खाने के बाद 10 मिनट भी टहला जाए तो मोटापा, रक्तचाप, मधुमेह, और पाचन संबंधी बीमारियां दूर ही रहेंगी।
एक अध्ययन के मुताबिक रात में खाना खाने के बाद 10-15 मिनट चलने से मधुमेह का स्तर सामान्य रहता है। केवल 10 मिनट चलने से टाइप-2 मधुमेह से निजात मिलती है। रोजाना खाने के बाद केवल दो मिनट घूमना भी काफी लाभदायक रहता है। इस शोध में ये बात सामने आई है कि खाने के बाद 60-90 मिनट चलना सेहत के लिए सबसे अच्छा होता है।
रक्त शर्करा पर नियंत्रण के लिए खाने के बाद एक घंटा टहलना कारगर है। खाने के तुरंत बाद सोने की बजाय कुछ काम करना भी फायदेमंद होता है। खाने के बाद केवल 20 मिनट तक चलने से मोटापा जैसी समस्या से काफी हद तक छुटकारा मिल सकता है। क्योंकि पैदल चलने से मेटाबालिज्म बढ़ता है, जिससे वजन कम होता है।
खाने के कुछ समय बाद ही शर्करा बनना शुरू हो जाता है। लिहाजा खाने के बाद केवल 10 मिनट चलने से रक्त शर्करा नियंत्रित रहता है। रात में खाने के बाद 10 मिनट का चलना पाचन तंत्र पर अच्छा प्रभाव डालता है। खाने के बाद थोड़ी देर टहलने से कब्ज, अपच और गैस से छुटकारा मिल सकता है। खाने के बाद पैदल चलने से अवसाद से भी राहत मिलती है।
(यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी और जागरूकता के लिए है। उपचार या स्वास्थ्य संबंधी सलाह के लिए विशेषज्ञ की मदद लें।)