मानस मनोहर
कटहल के कोफ्ते
कटहल की सब्जी हर किसी को पसंद आती है। इस मौसम में मैदानी भागों में पैदा होने वाला कटहल खूब मिलता है। थोड़े दिनों बाद जब बरसात का मौसम शुरू हो जाएगा, तब मैदानी कटहल मिलना बंद हो जाएगा। यों आजकल समुद्री इलाकों में बारहों महीने उगने वाला कटहल हर मौसम में मिल जाता है। मगर उसका स्वाद थोड़ा अलग होता है। उसमें रेशे मोटे और अधिक मात्रा में होते हैं। बीज भी अधिक होते हैं। इसलिए बारहों महीने मिलने वाला कटहल खाने में कई लोगों को अच्छा नहीं लगता। मगर इस कटहल के कोफ्ते बना कर खाएं, तो उसका आनंद बढ़ जाता है।
कोफ्ते तो कई सब्जियों से बनते हैं। सबको बनाने का तरीका लगभग एक जैसा है। कटहल के कोफ्ते भी उसी तरह बनते हैं। मगर थोड़ा अलग प्रयोग करते हुए इसे बनाएं, तो भोजन की एकरसता समाप्त हो जाती है।
आजकल बाजार में कटहल पहले से कटे हुए पैकेट में मिल जाते हैं। अगर कटहल कटा हुआ उपलब्ध नहीं है, तो हाथों में तेल लगा कर तेज चाकू से उसका छिलका उतारें और फिर टुकड़ों में काट लें। बिना कटे कटहल का चुनाव कर रहे हैं, तो छोटे और नरम कटहल लें। उनमें बीज सख्त और रेशे मोटे नहीं होते। अब कटहल के टुकड़ों को आधा गिलास पानी और आधा चम्मच नमक के साथ कुकर में दो सीटी आने तक उबाल लें। ध्यान रखें कि कटहल सख्त न रहे, क्योंकि इसे मसल कर हमें कोफ्ते बनाने हैं। पानी निथार कर कटहल के टुकड़ों को थोड़ा ठंडा होने के लिए रख दें।
इस बीच में चाहें, तो इसकी ग्रेवी यानी तरी की तैयारी कर लें। तरी टमाटर-प्याज वाली ही इसमें अच्छी लगती है। चाहें, तो मलाई भी डाल सकते हैं। दही वाली तरी का इसके साथ मेल नहीं बैठता, इसलिए दही का इस्तेमाल न करें, तो बेहतर। तरी बनाने के लिए टमाटर, प्याज को मोटा-मोटा काटें, एक-डेढ़ चम्मच तेल में जीरा, तेजपत्ता, छोटी इलाइची और थोड़ी सौंफ का तड़का देकर छौंक दें और धीमी आंच पर ढंक कर रख दें। इसमें चाहें तो चार-पांच काजू भी डाल सकते हैं, इससे ग्रेवी अच्छी बनती है। दस मिनट तक पकने दें। प्याज, टमाटर नरम हो जाएंगे। दस मिनट बाद आंच बंद कर दें और टमाटर-प्याज को ठंडा होने दें।
अब कटहल के कोफ्ते बनाएं। कटहल के उबले टुकड़ों को हाथ से मसल लें। इसमें एक से दो चम्मच बेसन, आधा चम्मच कुटी लाल मिर्च, चौथाई चम्मच गरम मसाला, एक चम्मच धनिया पाउडर, आठ-दस मूंगफली को दरदरा कूट कर डालें। एक-दो हरी मिर्चें, थोड़ा हरा धनिया, थोड़ा-सा अदरक महीन-महीन काटें और इसमें डाल दें। जरूरत भर का नमक डाल कर सारी चीजों को अच्छी तरह गूंथ लें। इस मिश्रण में से एक चम्मच से थोड़ा-थोड़ा हिस्सा निकाल कर बेलनाकार कोफ्ते बना लें। कड़ाही में भरपूर तेल गरम करें और मध्यम आंच पर सुनहरा होने तक कोफ्तों को तल लें। इन्हें परोसने वाले बर्तन में रखें।
अब टमाटर-प्याज में से तेजपत्ता अलग करके सारी सामग्री को मिक्सर में अच्छी तरह पीस लें। कड़ाही में एक चम्मच तेल गरम करें, उसमें पिसे हुए टमाटर प्याज को डालें और धीमी आंच पर लगातार चलाते हुए पकाएं। उसमें थोड़ी-सी हल्दी, चौथाई चम्मच देगी या कश्मीरी मिर्च पाउडर, जरूरत भर का नमक, चौथाई चम्मच गरम मसाला, एक चम्मच धनिया पाउडर डालें और ग्रेवी को अच्छी तरह पका लें। अब इसमें आधा कप पानी डाल कर गाढ़ा करें और फिर आधा कप मलाई या क्रीम डाल कर दो से तीन मिनट के लिए पकाएं। तरी तैयार है। इसे कोफ्तों के ऊपर डालें और ऊपर से धनिया पत्ती और हरी मिर्च से सजाएं। पांच मिनट बाद कोफ्ते तरी का रस सोख लेंगे, फिर उन्हें परोसें। तरी को अपने मुताबिक मोटा या पतला रख सकते हैं।
राजमा के कटलेट
राजमा को अंग्रेजी में रेड बीन्स कहते हैं। यह बहुत पौष्टिक खाद्य है। राजमा तो चावल वगैरह के साथ दाल या सब्जी की जगह आप अक्सर खाते ही हैं। इससे कटलेट भी बहुत अच्छा बनता है। कभी मेहमान घर में आएं या बच्चों को कुछ अलग खिलाने का मन हो, तो राजमा के कटलेट एक अच्छा विकल्प हैं। इसे बनाना बहुत आसान है।
राजमा को रात भर भिगोने के बाद उबाल कर नरम कर लें। फिर इन्हें अच्छी तरह मसल लें। इसमें कटी हरी मिर्च, अदरक और धनिया पत्ता डालें। एक छोटे आकार का प्याज भी बारीक काट कर डालें। जरूरत भर का नमक, चौथाई चम्मच गरम मसाला और एक चम्मच धनिया पाउडर, आधा चम्मच चाट मसाला डालें और अच्छी तरह मिला लें। थोड़ा-थोड़ा हिस्सा लेकर कटलेट का आकार दें। चाहें तो कटलेट को ब्रेड क्रम्स में लपेट लें। न भी लपेटेंगे, तो स्वाद में बहुत अंतर नहीं पड़ेगा।
कटलेट को तेल में पकौड़ों की तरह तल कर भी बनाया जा सकता है और पैन पर सेंक कर भी। तलने से फटने का खतरा रहेगा, क्योंकि अगर उसे ठीक से गूंथा नहीं गया होगा, तो वह फट सकता है। इसलिए तवे या पैन पर एक चम्मच तेल डाल कर सेंक लें। हरी या लाल चटनी, जो पसंद हो, उसके साथ परोसें। साथ में कुछ कटा प्याज भी रखें, इससे स्वाद और बढ़ जाता है।