रूस के भीतर घुसकर ड्रोन से हमले की यूक्रेन की रणनीति ने लंबे समय से चल रहे इस युद्ध का रुख बदल दिया है। इस सस्ते व आसानी से तैनात किए जा सकने वाले हथियार के इस्तेमाल का यह अलहदा तरीका था। सस्ते हथियार से महंगे सैन्य संसाधनों के भारी नुकसान ने सामरिक क्षेत्र में नई बहस पैदा कर दी है।यूक्रेन ने रूस में हवाई अड्डों पर खड़े बमवर्षकों पर 117 ड्रोनों से हमला कर युद्ध की तस्वीर बदल दी है। यह भविष्य के युद्धों के लिए एक नया तरीका हो सकता है। ड्रोन का इस तरह से उपयोग सस्ते और गुप्त तरीके से रणनीतिक लक्ष्यों पर हमला करने के लिए एक महत्त्वपूर्ण बदलाव माना जा रहा है। यूक्रेनके इस आपरेशन ‘स्पाइडर वेब’ के तहत ड्रोन को ट्रकों में छिपाकर रूस के अंदर लाया गया और फिर वहीं से हमला किया गया। रूसी सीमा के अंदर गहरे रणनीतिक लक्ष्यों पर हमला करने का यह एक अनोखा तरीका था, जो पारंपरिक सीमा सुरक्षा को दरकिनार करता है। यूक्रेन ने पहले दावा किया था कि उसने 40 से अधिक रूसी बमवर्षकों को या तो नष्ट या फिर क्षतिग्रस्त कर दिया है। जानकारों ने चिंता जताई है कि आतंकवादी भी इस राह पर चले तो नया वैश्विक खतरा पैदा हो जाएगा। यूक्रेन के ड्रोनाचार्य पर एक निगाह…

यूक्रेन 2022 के रूसी आक्रमण के जवाब में रूसी लक्ष्यों पर हमला करने के लिए नियमित रूप से ड्रोन छोड़ता रहता है, लेकिन इस बार इस्तेमाल की गई कार्यप्रणाली एकदम अलग थी। यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (एसबीयू) ने इस अभियान की योजना बनाई और इसे तैयार करने में उसे डेढ़ साल लगे। वैसे, यूक्रेनी सुरक्षा तंत्र ने कहा कि ड्रोन को रूस में तस्करी कर ले जाया गया था तथा ट्रकों पर लगे लकड़ी के ढांचों में छिपा दिया गया था। इसके बाद ड्रोन को अपने लक्ष्य की ओर उड़ाने के लिए ढांचों की छतों को दूर से खोल दिया गया। एसबीयू द्वारा साझा की गई तस्वीरों में कई छोटे काले ड्रोन दिखाई दे रहे हैं, जो परिवहन कंटेनर में छिपाकर रखे गए थे। इस तरह के हमले में रूस के बेलाया, डायगिलेवो, इवानोवो और ओलेन्या जैसे हवाई ठिकानों को निशाना बनाया गया। ये रूस की सामरिक विमानन संपत्तियों का हिस्सा थे। एसबीयू के अनुसार, इस हमले में रूस के सामरिक क्रूज मिसाइल वाहकों का 34% नष्ट हो गया और अनुमानित नुकसान सात अरब डालर था। वीडियो से पता चला कि कई विमान जल गए थे।

यूक्रेन का दावा- टुपोलेव टीयू-95 और टीयू-22एम3 जैसे रणनीतिक बमवर्षकों को बनाया निशाना

यूक्रेन ने दावा किया कि टुपोलेव टीयू-95 और टीयू-22एम3 जैसे रणनीतिक बमवर्षकों को निशाना बनाया गया। यह हमला यूक्रेन को निशाना बनाने वाले बमवर्षकों को लक्ष्य करके किया गया था। इस हमले में ए-50, टीयू-95 और टीयू-22एम सहित सामरिक विमान नष्ट हो गए। मास्को ने पहले यूक्रेन पर मिसाइल दागने के लिए टीयू-95 और टीयू-22एम लंबी दूरी के बमवर्षक विमानों का इस्तेमाल किया था, जबकि ए-50 का इस्तेमाल लक्ष्यों को समन्वित करने, हवाई सुरक्षा और निर्देशित मिसाइलों का पता लगाने के लिए किया जाता है। यूक्रेन लंबे समय से रूस के उन बमवर्षकों को तैनात करने की क्षमता को कम करने की योजना पर काम कर रहा था, जो यूक्रेनी शहरों पर घातक मिसाइलों की बौछार करते हैं। इसके उलट यूक्रेन के पास जवाब देने के सीमित साधन हैं। अब इन विमानों के नष्ट हो जाने से यूक्रेन के विरुद्ध विनाशकारी मिसाइल हमले करने की रूस की क्षमता कम हो सकती है।

वैसे, ड्रोन युद्ध कई दशकों से मौजूद है, विशेष रूप से निगरानी और लक्षित हमलों के लिए। 21वीं सदी की शुरुआत में अमेरिका ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान, सीरिया, सोमालिया, यमन और लीबिया जैसे देशों में ड्रोन का उपयोग किया। हालांकि, यूक्रेन का यह हमला अपने पैमाने और तरीके में अद्वितीय था। पिछले ड्रोन हमलों में, आमतौर पर एकल लक्ष्यों को साधा गया था… जैसे आतंकवादी सरगनाओं को निशाने पर लेना। लेकिन यूक्रेन का हमला कई सामरिक हवाई ठिकानों पर एक साथ हमला करने के लिए तैयार किया गया था। विशेष रूप से, रूस-यूक्रेन संघर्ष को जानकारों ने पहला ड्रोन युद्ध कहा है, क्योंकि 2022 से दोनों पक्षों ने लंबी दूरी के फिक्स्ड-विंग ड्रोन और छोटी दूरी के मल्टीरोटर एफपीवी ड्रोन का व्यापक उपयोग किया है।

Explained: मशीन गन से लेकर हाईटेक ड्रोन तक, जानिए दुनिया में कैसे बदले युद्ध के तौर-तरीके

इससे पहले, बड़े पैमाने पर ड्रोन हमलों का उपयोग मुख्य रूप से निगरानी और छोटे लक्षित हमलों के लिए किया गया था। उदाहरण के लिए, अमेरिका ने पाकिस्तान और यमन में ड्रोन हमले किए, लेकिन वे आमतौर पर एकल लक्ष्यों पर केंद्रितथे, न कि कई रणनीतिक सैन्य ठिकानों पर। इसके विपरीत यूक्रेन का हमला रूस के अंदर गहरे रणनीतिक लक्ष्यों पर हमला करने के लिए ड्रोन को सीमा पार लाने का एक नया तरीका दिखाता है।

विशेषज्ञों ने इस हमले को भविष्य के युद्धों के लिए एक महत्त्वपूर्ण संकेत के रूप में देखा है। न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार, ये हमले दिखाते हैं कि यूक्रेन सस्ते ड्रोन का उपयोग करके महंगे विमानों को नष्ट कर सकता है और अपनी सीमाओं से दूर लक्ष्यों पर हमला कर सकता है। एक रूसी विश्लेषक के मुताबिक ये हमले दिखाते हैं कि रूस में कोई जगह सुरक्षित नहीं है और यूक्रेन एक नई प्रकार की युद्ध रणनीति अपना रहा है। लोवी इंस्टीट्यूट ने कहा कि यह हमला भविष्य के युद्धों का संकेतक है, जिसे कई पश्चिमी सैन्य संस्थान अभी तक पूरी तरह से स्वीकार नहीं कर पाए हैं।

रूस पर ड्रोन अटैक को जेलेंस्की ने बताया ‘शानदार’, US सीनेटर्स बोले- विनाशकारी युद्ध की प्लानिंग कर रहे पुतिन

अमेरिका के मिशेल इंस्टीट्यूट के प्रमुख सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल डेविड डेप्टुला ने यूक्रेन की ओर से किए गएड्रोन हमलों को पारंपरिक जवाबी हवाई उद्देश्यों को जवाब देने का सम्मोहक उदाहरण कहा। डेप्टुला का कहना है कि बमवर्षक, स्टील्थ विमान, आइएसआर-स्ट्राइक किल चेन या दुश्मन की हवाई सुरक्षा को दबाने की क्षमता की कमी के कारण, यूक्रेन को अपने वांछित प्रभावों को पूरा करने के लिए प्रभावी ढंग से शक्ति दिखाने के लिए एक अभिनव साधन को अपनाना पड़ा। इस दृष्टिकोण को अपनाकर यूक्रेनने रणनीतिक प्रभाव हासिल किया। उसने दुश्मन की वायुशक्ति को उसके स्रोत पर ही बेअसर कर दिया और अब समय आ गया है कि अमेरिकी सेना कार्रवाइयों के लिए प्रभाव-आधारित दृष्टिकोण पर अपना ध्यान केंद्रित करे।

डेप्टुला के अनुसार, हालांकि अभी खुले में खड़े विमानों की कमजोरियों पर ही ध्यान केंद्रित किया गया है, लेकिन आगे चलकर थल सेना, टैंक, जहाज… रसद भंडारण और अन्य लक्ष्य भी ऐसे हमलों के लिए अतिसंवेदनशील हो सकते हैं। सस्ते, छोटे और असंख्य सटीक निर्देशित हथियारों से उत्पन्न खतरा गंभीर है और संपूर्ण अमेरिकी सेना को समान रूप से नवीन रक्षात्मक उपायों के साथ इसका समाधान करना चाहिए।
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आफ स्ट्रेटेजिक स्टडीज के डगलस बैरी के मुताबिक रूस ने इस हमले में अपने भारी बमवर्षक बेड़े का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा खो दिया है, जिसकी जगह तुरंत नहीं भरी जा सकती है। उन्होंने कहा कि अगली पीढ़ी के बमवर्षक विकसित करने की मास्को की घोषित योजना अभी भी अपने प्रारंभिक चरण में है।