गर्मी के बाद बरसात का मौसम जितना आनंददायक होता है, उतना ही सेहत की दृष्टि से जोखिम भरा भी होता है। हर समय वातावरण में नमी और उमस बनी रहती है, जिसके चलते अनेक प्रकार के वायरस और बैक्टीरिया पैदा होते रहते हैं। कई तरह के कीट भी पैदा होते हैं, जो उड़ कर हमारे भोजन पर बैठते या फिर हवा के जरिए सांसों में पैठ कर अनेक बीमारियां फैलाते हैं। इस मौसम में वायरस बुखार बहुत तेजी से फैल रहा है। कई शहरों में चिकनगुनिया, मलेरिया और मंकीपाक्स के मरीज पाए जा रहे हैं। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को चेतावनी जारी की है।
इस मौसम में दोनों तरह से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है- बैक्टीरिया से भी और वायरस से भी। पहले ही कोरोना संक्रमण और मंकीपाक्स का खतरा लगातार बना हुआ है। ऐसे में अगर वायरस या बैक्टीरिया का संक्रमण होता है, तो सेहत के लिए बहुत बुरा अनुभव साबित हो सकता है।
इस मौसम में संक्रमण के लक्षण प्राय: खांसी, तेज बुखार, बदन दर्द, जुकाम, छींक आना आदि होते हैं। कोरोना संक्रमण में भी शुरुआती लक्षण यही होते हैं। इसलिए जब भी इस तरह के लक्षण दिखाई दें, तुरंत सावधान हो जाना चाहिए।
बरसात में संक्रमण से बचने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे रोज अपनाने चाहिए।
- सबसे जरूरी चीज है कि शरीर को साफ-सुथरा रखें, ज्यादा लोगों के संपर्क में न आएं। मुंह पर मास्क पहन कर ही बाहर निकलें। बार-बार हाथ, मुंह, आंख धोते रहें।
- जहां तक हो सके, बाहर का खाना न खाएं। घर पर बना ताजा भोजन ही करें। ज्यादा मसालेदार और गरिष्ठ भोजन न लें, सुपाच्य आहार लें।
- जब भी बाहर से आएं, नहा-धोकर साफ कपड़े पहन लें। पसीने वाले कपड़े देर तक पहन कर न रखें।
एहतियाती उपाय: कुछ चीजों का सेवन रोज करें-
तुलसी
तुलसी में बैक्टीरिया नाशक रसायन होते हैं। अगर घर में तुलसी का पौधा है, तो उसके कुछ पत्ते तोड़ कर एक बोतल पानी में डाल कर रात भर रखें और सुबह उसी पानी को पी लें। चाय बनाते वक्त दो-चार तुलसी के पत्ते भी डाल लिया करें। आजकल बाजार में तुलसी का अर्क भी मिलता है, इसकी दो बूंदें एक बोतल पानी में डालें और वही पानी पीते रहें। इससे वायरस के संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाएगा।
हल्दी वाला दूध
वायरस के खतरे को देखते हुए हल्दी वाला दूध पीने की सलाह दी जाती है। खांसी, जुकाम, सांस से जुड़ी दिक्कतों और गले में दर्द से बचने के लिए दिन में एक बार हल्दी वाला दूध जरूर लें।
एक गिलास गुनगुने दूध में सिर्फ एक चौथाई चम्मच हल्दी और आधा चम्मच शहद या चीनी डाल कर अगर रात को सोने से पहले पी लें, तो इससे नींद अच्छी आती है, पेट साफ रहता और बरसात में वायरस के संक्रमण को रोकने में मदद मिलती है।
भाप लें
इस मौसम में भाप लेना भी बहुत फायदेमंद रहता है। यह शरीर को स्वस्थ रखने में प्राकृतिक चिकित्सा का काम करता है। इसलिए दिन में कम से कम एक बार, जब मौका मिले, भाप अवश्य लें। गर्म पानी में लौंग का तेल, टी-ट्री आयल या लेमन ग्रास आयल मिला कर भी भाप ले सकते हैं।
गिलोय
गिलोय बैक्टीरिया और वायरस नाशक होने के साथ-साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। इसके एक इंच के डंठल को कुचल कर आधा लीटर पानी में उबाल लें और छान कर पीएं। आजकल गिलोय का अर्क भी मिलता है, उसका भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
अदरक
अदरक में गले की खराश दूर करने, खांसी से राहत पहुंचाने, छाती में जमा बलगम हटाने में अद्भुत गुण होता है। इसके रस का इस्तेमाल अवश्य करें। चाय में, दाल, सब्जी आदि में इसका उपयोग अवश्य करें। इससे संक्रमण से बचने में मदद मिलेगी।
काली मिर्च
काली मिर्च के सेवन से गले की खराश, छाती के बलगम, खांसी आदि में बहुत आराम मिलता है। इसके उपयोग कम से कम सुबह की चाय में अवश्य करना चाहिए।
दालचीनी
दालचीनी में भी बैक्टीरिया और वायरस को दूर करने का गुण होता है। इसका उपयोग सब्जी में मसाले के रूप में तो करें ही, इसे पानी में उबाल कर चाय की तरह पीएं, तो बहुत आराम मिलता है।
अगर सुबह और शाम की चाय की जगह पानी में अदरक, काली मिर्च, दालचीनी, एक हरी इलाइची कूट कर उबाल लें और उसमें एक छोटा चम्मच शहद डाल कर गरम-गरम पीएं तो बहुत आराम मिलता है। इससे प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
अन्य सलाह
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए खानपान के समय में थोड़ा बदलाव जरूरी है। यानी खाने और सोने का समय निर्धारित करें। रोज निर्धारित समय पर ही खाना खाएं और सो जाएं। सुबह जल्दी उठने का प्रयास करें।
(यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी और जागरूकता के लिए है। उपचार या स्वास्थ्य संबंधी सलाह के लिए विशेषज्ञ की मदद लें।)