जिंदगी में रोज हम कई ऐसे काम करते हैं जिसमें जरा सी भी असावधानी होने पर हमारी त्वचा जल जाती है। यह खासा तकलीफदेह होता है। रसोई में खाना पकाते समय लोग अक्सर जल जाते हैं, जिसमें गर्म दूध या गर्म तेल से जलना आम बात होती है। वहीं, बच्चे खेलकूद या शैतानी करते समय आग या फिर अन्य किसी गर्म चीज की चपेट में आकर जल जाते हैं। आजकल जन्मोत्सव से लेकर शादी-व्याह तक खुशी के तमाम मौकों पर पटाखा जलाने का चलन बढ़ा है। कई बार पटाखा जलाने के दौरान लोग जल जाते हैं। मामूली रूप से जलने के घाव तो समय के साथ भर जाते हैं, लेकिन गंभीर रूप से जलने पर संक्रमण को रोकने और घावों को भरने के लिए विशेष देखभाल जरूरी होती है।

त्वचा पर असर
जलने से त्वचा पर असर और इससे राहत के बारे में आगे बात करने से पहले हमें अपनी त्वचा की बनावट को समझना चाहिए। हमारी त्वचा क्रमश: एपिडर्मिस, डर्मिस तथा हाइपोडर्मिस तीन सतहों से बनी होती है। एपिडर्मिस त्वचा की सबसे बाहरी या ऊपरी परत है। यह मौसम के असर से बचाने वाली परत का काम करती है। डर्मिस, एपिडर्मिस के नीचे वाली त्वचा की परत है और किसी तनाव से शरीर की एक कुशन की तरह हिफाजत करती है। हाइपोडर्मिस, डर्मिस के नीचे वाली परत है, जो मांसपेशियों के ऊतकों, हड्डी और त्वचा को जोड़ती है।

जब शरीर का कोई हिस्सा कम जलता है तो इसे प्रथम श्रेणी का जलना कहते हैं। इसमें चिकित्सीय उपचार की तब तक कोई खास जरूरत नहीं होती जब तक कि जलने का असर ऊतकों पर न पड़ा हो। तृतीय श्रेणी के जलन में जले हुए भाग में सूजन और लालिमा आ जाती है। अगर घाव तीन इंच से बड़ा हो या त्वचा की भीतरी परत तक हो तो फौरी तौर पर चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। तृतीय श्रेणी के जलन में त्वचा की तीनों परतों पर जलने का असर होता है। इससे त्वचा सफेद या काली होने के साथ सुन्न पड़ जाती है। जले हुए स्थान के हेयर फालिकल और तंत्रिकाओं के तमाम सिरे नष्ट हो जाते हैं। इससे रक्तप्रवाह बाधित होता है। यह बहुत गंभीर स्थिति है और ऐसे में तत्काल गहन चिकित्सकीय संरक्षण की जरूरत पड़ती है।

तुलसी और शहद
जलन में फौरी राहत सबसे जरूरी है। इसलिए इस बारे में कुछ घरेलू औषधि या उपाय के बारे में जान लेना चाहिए। इसमें सबसे लाभदायक है तुलसी। तुलसी का पौधा सिर्फ आंगन की शोभा ही नहीं बढ़ाता बल्कि यह औषधि के रूप में भी काफी उपयोगी है। जली हुई त्वचा पर तुलसी का रस लगाने से काफी आराम मिलता है। इससे जलन भी जल्दी दूर होती है और निशान भी नहीं पड़ते।

जलन से राहत का एक अच्छा विकल्प शहद भी है। शहद में कई एंटी आक्सीडेंट होते हैं। जो हमारी सेहत को लाभ पहुंचाने के साथ जलने की समस्या से भी राहत दिलाते हैं। जलने पर शहद का इस्तेमाल करने से काफी आराम मिलता है। यदि आप शहद में त्रिफला मिलाकर लेप के रूप में इसे जलन वाले स्थान पर लगाएं तो आपको और जल्दी आराम होगा।

काम का नुस्खा
’ जलने पर सफेद चूर्ण यानी चूना लगाने से भी काफी आराम मिलता है। यदि गर्म तेल के कारण कोई अंग जल जाए और वहां घाव भी हो जाए तो ऐसे में पुराने चूने का इस्तेमाल एक आजमाया हुआ नुस्खा है। चूने को पीसकर इसे दही में मिलाकर घाव पर लगाएं, इससे काफी आराम मिलेगा।
’ अगर आपके या फिर आपके घर में किसी के हाथ-पैर जल जाएं तो जलन की जगह पर बर्फ का टुकड़ा रगड़ें। इससे काफी आराम मिलेगा। बर्फ से सस्ती और अच्छी दवा और कोई नहीं हो सकती। त्वचा के जले हुए हिस्से पर 10-15 मिनट तक बर्फ रगड़िए। बर्फ लगाने पर जलन तो कम होगी ही, सूजन से भी राहत मिलेगी।

’ जलने वाली जगह पर हल्दी लगाने से भी काफी आराम मिलता है। इससे जलन तो कम होती ही है, साथ ही भविष्य में त्वचा पर निशान बनने की भी आशंका नहीं रहती है। जलन से होने वाली तकलीफ दूर करने के लिए कम से कम दो से तीन बार हल्दी में थोड़ा सा पानी मिलाकर लगाएं। बहुत आराम मिलेगा।
(यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी और जागरूकता के लिए है। उपचार या स्वास्थ्य संबंधी सलाह के लिए विशेषज्ञ की मदद लें। )