ओमीक्रान से जुड़ी चर्चा और खतरों के बीच कोरानाकाल ने कैलेंडर में अपने लिए कुछ और दिन घेरना शुरू कर दिया है। इसके साथ यह हिदायत भी दी जाने लगी है कि खतरा कम हो या ज्यादा हमें कोरोना संक्रमण को लेकर स्थिति को सामान्य मानने की भूल नहीं करनी चाहिए। मास्क पहनने से लेकर अनावश्यक घर से बाहर न निकलने और भीड़ वाली जगह पर जाने से बचने की हिदायत आज भी उतनी ही जरूरी है, जितनी पहले थी।
बेहतर हो कि खासतौर पर पूर्णबंदी के दौरान हमने अपनी जीवनशैली में जिन कुछ पाबंदियों और तौर-तरीकों को अपने जीवन अभ्यास में स्थान दिया था, उसे आगे भी जारी रखा जाए। सैलून या ब्यूटी पार्लर को कोरोना संक्रमण के लिहाज से बड़ा खतरा माना गया है। इसलिए इनके खुल जाने के बावजूद वहां जाने से परहेज करना ही सही होगा।
जहां तक बात है बालों की संभाल की तो इस बारे में कुछ जरूरी बात अगर हम जान-समझ लें तो बेहतर होगा। इस संबंध में यह बात गांठ बांध लेनी चाहिए कि बालों को सेहतमंद बनाना कोई तुरंत-फुरंत वाला मामला नहीं है कि कुछ दिन ध्यान रखा और आपके बाल सेहतमंद हो दमकने लगेंगे।
विज्ञापन का झांसा
जहां तक सवाल है बालों के टूटने, इनके रुखे दिखने और दोमुंहे होने की तो यह एक आम समस्या है। बालों की सेहत आपके खान-पान, जीवनशैली और अन्य बीमारियों से भी जुड़ी होती है। बालों पर प्रदूषण का भी खासा असर पड़ता है। इसलिए अगर आप यह सोच रहे हैं कि कोई खास शैंपू और तेल अचानक से आपके केशों की कायापलट कर देगा तो यह बेवकूफी होगी।
इस तरह का दावा करने वाले शैंपू और तेलों के भ्रामक विज्ञापनों के झांसे में आने से बचना चाहिए। बेहतर तो यही होगा कि आप शैंपू का चुनाव भी अपने बाल की प्रकृति के अनुसार करें। बाल को शैंपू रोज करने की जरूरत नहीं है, बेहतर होगा कि यह आप दो-तीन दिन के अंतराल पर करें।
बालों को बहुत ज्यादा गर्म पानी से न धोएं। कोशिश करें कि तेज धूप में निकलना हो तो बालों को टोपी या किसी कपड़े से ढक लें। अपने मनपसंद तेल से बालों का मसाज करना या करवाना हमेशा सुकूनदेह होता है। बालों को रंगने और उन पर किसी तरह के अन्य रसायन के इस्तेमाल से जितना ज्यादा बचा जाए उतना अच्छा। ड्रायर का इस्तेमाल भी जरूरत होने पर करें उसे नियमित आदत नहीं बनाएं।
सेहत की कंघी
नहाने के पहले बालों को कंघी करना कभी न भूलें। गीले बाल कमजोर होते हैं इसलिए उलझन में जल्दी टूटते हैं। हमारे सिर की सतह से प्राकृतिक तेल भी निकलता है। कंघी करने से वह बालों के सभी हिस्से में पहुंच जाता है, जिससे बालों में नमी भी बनती है और वो गीले होने के बाद कम टूटते हैं। बहुत लोगों की खोपड़ी की त्वचा शुष्क होती है, जिससे बाल रुखे होकर कमजोर हो जाते हैं।
इस परेशानी से बचने के लिए जरूरी है कि शैंपू के बाद कंडीशनर का इस्तेमाल किया जाए। कंडीशनर का इस्तेमाल बालों की लंबाई के अनुपात में ही करना चाहिए। जरूरत से ज्यादा कंडीशनर लगाने पर बाल चिपचिपे दिखते हैं। कंडीशनर की जरूरत अनुसार बूंदें हथेली पर लेने के बाद उसे बालों के जड़ से सिरे तक लगाएं और इसे दो मिनट के लिए लगा रहने दें। फिर बालों पर हल्के से पानी गिरा कर साफ करें।
कुछ जरूरी हिदायत
– शरीर के किसी भाग की सेहत के लिए मौसमी फल बहुत जरूरी होते हैं। कोशिश करें कि एक दिन में तीन तरह के फलों का सेवन कर लें। अगर आप मांसाहारी हैं तो अंडे, मछली और अन्य तरह के मांस प्रोटीन के बढ़िया स्रोत होने के कारण बालों की सेहत का पूरा साथ देंगे।
– शरीर में जिंक की कमी बालों को निस्तेज बनाती है। जिंक की भरपूर मात्रा लेने के लिए हर तरह के बादाम का सेवन किया जा सकता है। जरूरत पड़ने पर डाक्टर की सलाह से जिंक और मल्टीविटामिन की पूरक गोलियां भी ली जा सकती हैं।
– उच्च रक्तचाप या गठिया की दवाओं का बुरा असर बालों की सेहत पर पड़ता है। अगर आपको ये वजह पता है तो इससे ज्यादा परेशान नहीं होना चाहिए क्योंकि बीमारी नियंत्रित होते ही बालों का हाल सुधार भी हो जाएगा।
(यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी और जागरूकता के लिए है। उपचार या स्वास्थ्य संबंधी सलाह के लिए विशेषज्ञ की मदद लें)