दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का कहना है कि दिल्ली के पूर्ण राज्य के दर्जे पर बात करना अभी उनके लिए जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा कि राज्यों को मिलने वाली सारी सुविधाएं दिल्ली को मिल रही हैं और दिल्ली केंद्र सरकार के नेतृत्व में अच्छा काम कर रही है। उन्होंने पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी की सरकार पर आरोप लगाया कि उसने सिर्फ प्रणाली का प्रचार किया, कोई प्रणाली स्थापित नहीं की। रेखा गुप्ता का दावा है कि उनकी सरकार ने दिल्ली के लिए पांच साल की कार्ययोजना तैयार कर ली है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली का बुनियादी ढांचा ही चरमराया हुआ है इसलिए चीजों को दुरुस्त करने में वक्त लगेगा। नई दिल्ली में रेखा गुप्ता के साथ कार्यकारी संपादक मुकेश भारद्वाज की विस्तृत बातचीत के चुनिंदा अंश।

आपने यह तो बता दिया कि भाजपा क्यों और कैसे जीती। हम यह भी जानना चाहेंगे कि आम आदमी पार्टी क्यों और कैसे हारी? वह भी इतने बुरे तरीके से।
रेखा गुप्ता: दोनों जुड़े हुए हैं। वे हारे और दिल्ली की जनता को यह समझ में आया कि उन्होंने पहले गलती की थी। जनता ने जो गलती की थी उसे सुधारा और भाजपा को मौका दिया। उनकी हार और भाजपा की जीत सब जनता के निर्णय थे। जनता को जब जो सही लगता है, जब जो चाहती है, वही करती है। हर पार्टी और नेता जो जनता से हट कर काम करने लगते हैं, जनता उन्हें सही रास्ता दिखा देती है।

आम आदमी पार्टी ने दो पारी सरकार चलाई। भाजपा पांच पारी तक सत्ता से बाहर रही। दिल्ली की सत्ता में भाजपा की वापसी का श्रेय किसे देना चाहेंगी आप?
रेखा गुप्ता: इसके पीछे दो कारक हैं। एक है दिल्ली की जनता जिसने सत्ता में बदलाव का ये निर्णय लिया। दूसरा मोदी जी का नेतृत्व, जो जनता के बदलाव लाने की वजह बनी। जनता ने विश्वास दिखाया कि दिल्ली की जनता मोदी जी के नेतृत्व में चलेगी।

आप उस दौर में दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं जब भाजपा की ओर से यह संदेश दिया जाता रहा है कि पार्टी में अंतिम छोर का नेता भी मुख्यमंत्री बन सकता है। आप इसे कैसे देखती हैं?
रेखा गुप्ता: यही खूबसूरती है भारतीय जनता पार्टी की। यहां हर कार्यकर्ता के लिए मौका होता है। यहां आपकी मेहनत, आपका समर्पण, आपकी निष्ठा का सम्मान किया जाता है। इन सब चीजों के साथ आप काम कर रहे हैं तो पार्टी की निगाह हर कार्यकर्ता पर रहती है। पार्टी में हर स्तर पर इतना काम है कि हर कार्यकर्ता को अलग-अलग जिम्मेदारियों के साथ मौका मिलता रहता है। हमारी पार्टी में परिवारवाद भी नहीं है कि किसी खास वंश के लोगों को ही मौका दिया जाएगा। इसलिए जिनकी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं होती है वे भी यहां आगे बढ़ जाते हैं।

हालांकि भाजपा में एक समानांतर पंक्ति दिखती है जहां परिवारवाद स्वीकार्य हो जाता है। ऐसे बहुत से उदाहरण हैं।
रेखा गुप्ता: मैं इस आरोप को इसलिए नकार रही हूं क्योंकि भाजपा में यदि किसी परिवार के किसी एक व्यक्ति को मौका भी मिला है तो उसकी मेहनत और उसकी योग्यता के आधार पर मिला है। ऐसे भी बहुत सारे नेता होंगे जिनके बच्चों ने बड़ी कोशिश की होगी और वे राजनीति में आगे नहीं बढ़ पाए। जो भी आगे बढ़ पाए वे अपने आप में पार्टी के कार्यकर्ता हैं। उनका अपना व्यक्तित्व है। वे अपनी तैयारी, संघर्ष और काम के दम पर ही आगे बढ़ पाए हैं।

एक विमर्श बना, एक छवि तैयार हुई कि दिल्ली में जनता से जुड़ा कोई काम नहीं हो रहा है। जब भाजपा आम आदमी पार्टी पर यह आरोप लगा रही थी तो किस तरह के कामों को नहीं हुआ माना गया था?
रेखा गुप्ता: जनता के हित में जो काम किए जाने थे वे वर्षों से दिल्ली में लंबित थे। उदाहरण के तौर पर आयुष्मान योजना। मोदी जी ने पूरे देश में आयुष्मान योजना लागू की। दिल्ली को भी ये मौका दिया गया कि आप इसे लागू कीजिए परंतु दिल्ली में इसे लागू नहीं किया गया। माननीय केजरीवाल साहब ने मना कर दिया क्योंकि इसमें लिखा हुआ था कि यह प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना है, या यह प्रधानमंत्री आवास योजना है। वे सारे काम नहीं हुए जो होने चाहिए थे। आज हम कह सकते हैं कि अब जो सरकार आई है वो उन सारे कामों को जो दिल्ली की जनता के हित में होने थे कर रही है। जनता के हित में सारे निर्णय लिए जा रहे हैं।

केजरीवाल साहब को क्या दिक्कत थी प्रधानमंत्री से?
रेखा गुप्ता: नाम…। केजरीवाल साहब सिर्फ स्वयं की स्तुति चाहते थे। उनकी इच्छा रहती थी कि जनता मेरे अलावा किसी और को श्रेय न दे। इसी नीयत से उन्होंने दिल्ली के हित की ढेरों योजनाओं को रोका और जनता को उससे वंचित रखा।

अभी जब आपको डेढ़ महीने ही हुए हैं तो यह सवाल थोड़ा वक्त से पहले है। फिर भी यह बताएं कि दिल्ली में पांच साल के लिए आपकी कार्ययोजना पूरी तरह तैयार है या अभी आपको और वक्त चाहिए?
रेखा गुप्ता: बिल्कुल। पांच साल के लिए हमारी पूरी कार्ययोजना तैयार है। हमने काम शुरू किया है बुनियादी संरचनाओं को दुरुस्त करने से। दिल्ली का बुनियादी ढांचा ही कमजोर है। इस वजह से आज दिल्ली के नागरिकों को छोटी-छोटी बातों के लिए परेशान होना पड़ रहा है। लोग सड़क पर गड्ढों और उफनते सीवर से परेशान हैं। जनता को इन मुश्किलों से निजात दिलाना हमारी प्राथमिकता है। बुनियादी सुविधाओं से शुरुआत कर शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक पर हमने पांच साल के लिए लक्ष्य तय कर लिए हैं।

दिल्ली में पिछले लंबे समय से वोटों के ध्रुवीकरण में सांप्रदायिक नारे भी लगे। इसके साथ ही दिल्ली दंगों की चपेट में आई। जिस एक समुदाय का विश्वास हिला हुआ है उन्हें भरोसे में लेने के लिए आपकी पार्टी क्या कर रही है?
रेखा गुप्ता: कौन से समुदाय का विश्वास हिला हुआ है?

मुसलिम समुदाय का…।
रेखा गुप्ता: किसी मुसलिम को ऐसा नहीं लग रहा। यह सब बेकार की बातें बनाई जाती हैं। आज केंद्र की, दिल्ली सरकार की जितनी भी योजनाएं हैं उनमें सारे समुदायों की भागीदारी है। दिल्ली के, देश के सभी मुसलिम खुश हैं और प्रगति के साथ हैं। मुसलिमों को पता है कि प्रगति के साथ चलने में ही उनकी उन्नति है। आज दिल्ली में आयुष्मान योजना के कार्ड बांटे गए हैं। इसका लाभ सबको मिल रहा है।

दिल्ली देश का ताज है। पूर्ववर्ती सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य के ढांचे को विश्वस्तरीय बनाने का दावा किया था। यह सबसे ज्यादा चर्चा में था। आपने इन दावों को कहां तक सही पाया? क्या जमीन पर ठोस काम हुआ?
रेखा गुप्ता: जमीनी स्तर पर मैं, आप कोई जाकर देख ले तो उसे मालूम हो जाएगा कि कितनी तकलीफदेह स्थिति है। अस्पतालों की, स्कूलों की स्थिति दयनीय है। पूर्ववर्ती सरकारों ने काम नहीं काम का प्रचार करने में ध्यान लगाया। एक शेर है, ‘काम करो ना करो, काम की फिक्र करो और फिक्र करो ना करो फिक्र का जिक्र करो’। वे जिक्र करने वाले लोग थे। वायु प्रदूषण पर काम के दावे के प्रचार में करोड़ों रुपए उड़ा दिए। लेकिन वायु प्रदूषण की स्थिति भयावह रही। आपकी प्रणाली बनी नहीं लेकिन प्रणाली के प्रचार में करोड़ों रुपए लगा दिए। स्कूलों के पाठ्यक्रम में छोटा सा कुछ जोड़ दिया जिसमें खर्चा कुछ नहीं हुआ। ऐसे सैकड़ों काम हैं जिनमें पिछली सरकारों ने सिर्फ जनता का पैसा बर्बाद किया। जनता के लिए झुग्गियों में शौचालय तक नहीं बनवाए और अपने लिए शीशमहल तैयार कर लिया।

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शीशमहल का क्या हुआ?
रेखा गुप्ता: जनता का पैसा किसी भी माध्यम से जनता को वापस किया जाएगा। आम लोगों के इस्तेमाल के लिए जो भी बेहतर विकल्प होगा उसे चुनेंगे।

मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद आपको एक भारी-भरकम बजट मिला। दिल्ली की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक कूड़े का पहाड़ हो या यमुना की सफाई, इन्हें लेकर क्या लक्ष्य है?
रेखा गुप्ता: हर क्षेत्र के लिए काम करेंगे। चाहे वह दिल्ली का वायु प्रदूषण हो, यमुना की सफाई हो, आधारभूत ढांचा हो, शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो, आम लोगों के लिए जनकल्याणकारी योजनाएं हों सबके लिए हमारा लक्ष्य तय है। हमने अपने बजट में राजस्व हासिल करने और खर्च करने का लक्ष्य तय कर लिया है। कहां से फंड लाना है और कहां पर लगाना है इसकी पूरी योजना बन चुकी है। ये हमारी लंबे समय की योजनाएं हैं। जैसा कि आपका सवाल था, पांच साल का लक्ष्य तय है हमारी सरकार का। सरकार कदम दर कदम इस दिशा में आगे बढ़ रही है।

दिल्ली की राजनीति में पूर्ण राज्य के दर्जे का मुद्दा हमेशा गर्म रहा है। इसे लेकर आपकी क्या योजना है?
रेखा गुप्ता: आज की तारीख में इस पर कुछ कहना बहुत जल्दबाजी होगी। मैं अभी इस पर कुछ कह नहीं पाऊंगी परंतु मुझे लगता है कि राज्य को जो अधिकार दिए जाते हैं, लगभग हमें सब कुछ मिल रहा है। वे सारी सुविधाएं, केंद्र के द्वारा पोषित योजनाएं सब हम तक पहुंच रही हैं। हम उस दिशा में काम कर भी रहे हैं। हमने आयुष्मान योजना लागू कर दी। जितनी भी केंद्र पोषित योजनाएं हैं हम सबका लाभ लेना शुरू कर चुके हैं। दिल्ली केंद्र सरकार के नेतृत्व में अच्छा काम कर रही है।

दिल्ली की महिलाओं को 2500 रुपए मासिक देने का वादा पूरा होने की दिशा में कितना आगे बढ़ा है?
रेखा गुप्ता: पिछली पांच सरकारों ने जितनी योजनाओं का एलान किया या तो उसे लाई नहीं या फिर छोटे-मोटे तरीके से शुरू होकर तुरंत बंद कर दी गईं। हमने जनता से जो वादा किया है उसे पूरा करने की हमारी प्रतिबद्धता है। उस दिशा में हमने काम शुरू कर दिया है। आज की तारीख में हमारी सरकार का डेढ़ महीना पूरा हुआ है। उसके मद्देनजर कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर 51 सौ करोड़ का बजट रखा है। इस योजना के लिए हमने कार्य समिति बना ली है। इसके लिए नियम और शर्तों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस योजना के लिए आनलाइन पोर्टल खोला जा रहा है जिसमें पंजीकरण होगा। सारी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

यानी इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है?
रेखा गुप्ता: सौ फीसद प्रतिबद्ध है। आयुष्मान योजना हमारी पहली प्रतिबद्धता थी क्योंकि इसके दायरे में पूरे परिवार को स्वास्थ्य सुरक्षा मिलती है। इस प्रतिबद्धता को पूरा करते हुए हमने आयुष्मान योजना लागू कर दी। इसके लिए कार्ड भी बांट दिए। उसी में 70 साल के ऊपर के बुजुर्गों का पंजीकरण हम शुरू कर रहे हैं ताकि उन्हें सौ फीसद सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएं। तो अब आप ये सोचें कि 70 वर्षों के अधूरे कामहम 70 दिन में खत्म नहीं कर सकते हैं। हर काम को करने के लिए तय प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है। ये योजनाएं एक दिन की नहीं हैं। ये योजनाएं स्थायी रूप से चलेंगी और अपेक्षित व्यक्तियों को इसका लाभ मिलेगा।

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मुख्यमंत्री का पद ग्रहण करने के बाद आपकी दृश्यता की चर्चा हो रही है। आप जनता के बीच उपलब्ध हो रही हैं, हर मंच के साथ बातचीत कर रही हैं। आपके पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री पर इल्जाम था कि जनता के बीच नहीं जाते हैं। आम लोग अपने बीच मुख्यमंत्री को सहजता से पाकर कैसी प्रतिक्रिया दे रहे हैं?
रेखा गुप्ता: ठीक कह रहे हैं आप। मैं जब लोगों से मिलती हूं तो उनसे सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है। दिल्ली की जनता की आंखों में मैं ढेर सारी आशाएं देखती हूं, अपने प्रति अपेक्षाएं देखती हूं। सबके दिल में नई उम्मीद जगी है कि दिल्ली अब बदलेगी। लगातार जो काम हो रहे हैं तो उन्हें साफ फर्क दिख रहा है। जनता की उम्मीदों को पूरा करना ही हमारा लक्ष्य है।

कांग्रेस का इल्जाम है कि भाजपा की सरकार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दखल बहुत ज्यादा है। विश्वविद्यालयों के कुलपति तक वहीं से चुन कर आ रहे हैं। आपने भी कहा था कि जेएनयू जिस तरह चल रहा है उससे अच्छा बंद हो जाए। भाजपा की सरकार में संघ के दखल के इस आरोप पर आपका क्या कहना है?
रेखा गुप्ता: मुझे नहीं पता कि कुलपति आरएसएस से आ रहे हैं या नहीं आ रहे हैं। इस मामले में मुझे कोई जानकारी नहीं है। वे तय प्रक्रिया और अपनी योग्यता से आते हैं।

आम आदमी पार्टी का क्या भविष्य देखती हैं आप?
रेखा गुप्ता: अब 67 से 63, 63 से 22 और 22 से फिर कहां पहुंचेगी ये तो जनता ही बताएगी।

आम आदमी पार्टी पर भ्रष्टाचार के आरोपों की झड़ी लग गई थी। आबकारी घोटाले से लेकर मोहल्ला क्लीनिक तक आरोपों के दायरे में आ गए। इन आरोपों पर कोई नतीजा जल्द सामने आएगा?
रेखा गुप्ता: बिल्कुल आएगा। हम अपनी व्यवस्था को पारदर्शी, जनता के हित में और समाज हित में खड़ा कर रहे हैं। पिछली सरकारों ने जो भी गड़बड़ियां की, भ्रष्टाचार किया, कमियां रखी उन सबको हम दूर हटा कर एक समदर्शी, पारदर्शी और ईमानदार व्यवस्था खड़ी करेंगे।

आप दिल्ली की मुख्यमंत्री हैं। सवाल यह है कि अरविंद केजरीवाल जी कहां हैं?
रेखा गुप्ता: उन्हें तो जनता भी खोज रही है कि कहां हैं? पता नहीं कहां हैं। उन्हें ढूंढने की बात है तो हमारे पास करने के लिए और बेहतर काम हैं।