बच्चों में इलेक्ट्रानिक उपकरणों की काफी लत लगी हुई है। कई माता-पिता अक्सर परेशान होते हैं और यहां-वहां शिकायतें करते हैं। हालांकि माता-पिता कुछ कायदे बनाकर बच्चों की टीवी, मोबाइल और टैबलेट के प्रति दीवानगी को काफी हद तक नियंत्रित कर सकते हैं। बच्चों की आदत को काबू करने के कुछ तरीके हैं-

उपयोग सीमित करें

आयु वर्ग की सिफारिशों के अनुसार गैजेट के उपयोग को सीमित करें। अमेरिकन एकेडमी आफ पीडियाट्रिक्स (2013) और कैनेडियन पीडियाट्रिक सोसाइटी (2010) ने निम्नलिखित जैसे स्क्रीन टाइम दिशानिर्देश प्रकाशित किए हैं:-

दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को टीवी, स्मार्टफोन और टैबलेट सहित उनके अपने गैजेट पर खेलते हुए नहीं छोड़ना चाहिए। दो से चार वर्ष की आयु के बच्चों के लिए दिन में एक घंटे से भी कम समय तक उपकरणों के साथ रहने देना चाहिए। पांच वर्ष और उससे अधिक आयु के बच्चों को मनोरंजक उपयोग के लिए अध्ययन आवश्यकताओं को छोड़कर) अधिमानत: दिन में दो घंटे से अधिक वक्त गुजारने नहीं देना चाहिए।

एक समयावधि सुनिश्चित करें

उपकरण चलाने का सही समय निर्धारित करें। इसके अलावा, माता-पिता को अन्य वैकल्पिक गतिविधियों को भी तैयार करना चाहिए, ताकि बच्चे ऊब न जाएं और फिर से उपकरण की तरफ न मुड़ जाएं।

निगाह रखें

बैठक कक्ष में टीवी या कंप्यूटर रखें। इसलिए जब बच्चा इसका उपयोग करता है, तो वह अकेला नहीं होता है और परिवार के अन्य सदस्यों की निगरानी में रहता है। इसके अलावा, मोबाइल उपकरणों को पूरी तरह से बच्चों पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए। यदि बच्चा इनका उपयोग करना चाहता है तो पहले उसे अनुमति मांगने दें और समाप्त होने पर इसे वापस ले लें।

उपकरण मुक्त क्षेत्र निर्धारित करें

कुछ स्थानों पर उपकरणों का उपयोग न करने के लिए नियम बनाएं। उदाहरण के लिए भोजन मेज पर, शयन कक्ष में और कार में।

बच्चों को संयम का महत्त्व सिखाएं

जब आपका बच्चा गेम खेलने से परहेज करता है और निर्धारित नियमों का पालन करता है, तो उसकी प्रशंसा अवश्य करें।

एक अच्छा उदाहरण स्थापित करें

यह सामान्य ज्ञान है कि बच्चे अपने माता-पिता का अनुकरण करते हैं। इसके लिए, माता-पिता को भी एक अच्छा उदाहरण बनना चाहिए। अपना सेलफोन नीचे रखें और अपने नन्हे-मुन्नों के साथ खेलें।