एक घनघोर धार्मिक शाम में एबीपी पर आती बहस में एक हिंदुत्ववादी जी ने एक मुसलमान प्रवक्ता से ये पवित्र वचन कहे : बाबरी कलंक का प्रतीक थी। गिरा दी… अब तुम्हारी छाती पर चढ़ कर मंदिर बनाएंगे।… एंकर बेचारी टोकती रह गई, लेकिन कु्रद्ध स्वामी कैसे रुकते?
ऐसे न जाने कितने धमकी भरे पवित्र वचन इन दिनों कहे-सुने जाते रहते हैं।

जिस दिव्य दिन दुनिया की सबसे ऊंची पटेल प्रतिमा का अनावरण हुआ, उसके अगले रोज ही योगी जी ने पटेलजी की मूर्ति के दर्शन किए और शाम तक अयोध्या में श्रीराम की दिव्य मूर्ति के निर्माण का एलान हो गया! हर चैनल हर अयोध्यावासी की तरह मूर्ति-प्रेमी हो गया!

टाइम्स नाउ ने खबर बे्रक की कि भगवान राम की सौ मीटर ऊंची प्रतिमा सरयू किनारे अयोध्या में स्थापित की जाएगी!
इंडिया टुडे ने खबर दी : राम की मूर्ति एक सौ इक्यावन मीटर ऊंची होगी!

यह क्या बात हुई! पटेल जी की एक सौ बयासी मीटर ऊंची और जो सबके मालिक हैं, उनकी उनके भक्त की मूर्ति से भी छोटी!
वह तो न्यूज एक्स ने हमारी परेशानी दूर करने वाली लाइन लगा कर हमें तसल्ली दी कि मूर्ति की ऊंचाई दो सौ एक मीटर होगी!
ये हुई न कुछ बात!
सॉरी पटेल जी! आपकी मूर्ति से भी ऊंची मूर्ति राम जी की होगी और नर्मदा किनारे की जगह सरयू किनारे होगी!
इस बीच इंडिया टुडे पर संघ के बड़े नेता भैया जी ने प्रबोधा : जिस तरह से उन्होंने जवाब दिया है उससे हिंदू समाज अपमानित अनुभव करता है। जरूरत हुई तो 1992 जैसा आंदोलन होगा। सुप्रीम कोर्ट को हिंदुओं की भावनाओं का खयाल करना चाहिए।…

एक एंकर ने एक बहस में एक भाजपा प्रवक्ता से कहा : आप अदालत से रिव्यू की कह सकते हैं, धमकी तो नहीं दे सकते? तभी प्रवक्ता कह उठे : संघ कभी धमकी नहीं देता!
असली मर्म पर उंगली रखी रिपब्लिक की एंकर ने कि यह माहौल को गरमाना है। पहले भागवत और अमित शाह मिले। फिर भैया जी ने कहा कि बहुत हो चुका। कल एक बीजेपी एमपी ने कहा कि बिल लाएंगे। अब राम की मूर्ति का एलान… यह मंदिर का ‘प्लान बी’ है। मंदिर नहीं बना सकते तो मूर्ति ही सही।
इस देशकाल और इस परिस्थिति को परख कर साढ़े तीन हजार संतों ने दिल्ली के तालकटोरा में दो दिवसीय धर्मादेश सम्मेलन कर डाला। तीन संतों के नाम विशेष दिखे- श्रीश्री, रामदेव, सद्गुरु! अपना जीवन तो धन्य हो गया। घर बैठे इतने संतों के दर्शन हो गए।

मुखिया संत जी ने एक लाइन में लाइन दी : अध्यादेश लाओ, कानून बनाओ! यानी थोड़े कहे को बहुत समझना, लेकिन इसे धमकी न समझना! समझे!
इसके बाद दीवाली के दिन सभी खबर चैनलों ने अयोध्या में डेरा जमा लिया। एक चैनल तो दिन भर ‘बिल्ड अप’ करता रहा कि किसी बड़े एलान के लिए तैयार रहिए!योगी जी तीन लाख दीये जलाएंगे। गिनीज बुक आॅफ रिकार्ड में जाएंगे। दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला अयोध्या में मुख्य अतिथि हैं। उनके पुरखे यहीं से गए थे। योगी जी खास एलान करेंगे।
लेकिन योगी जी ने निराश किया : फैजाबाद का नाम अयोध्या होगा! मेडिकल कॉलेज का नाम दशरथ के नाम पर होगा और एअरपोर्ट राम के नाम पर होगा।
लेकिन फैजाबाद का नाम बदल कर अयोध्या करते ही योगी जी बाकी भाजपा मुख्यमंत्रियों के हीरो बन गए। एक अंग्रेजी चैनल ने तो लाइन ही लगा दी : ‘योगी लीड्स, सीएम्स फॉलो’! योगी जी आगे आगे, बाकी सीएम पीछे पीछे!

इसके बाद तो नामांतरण की लाइन लग गई। गुजरात के सीएम बोले : अमदाबाद का नाम कर्णावती करने पर विचार करेंगे। महाराष्ट्र से खबर आई : औरंगाबाद का नाम ‘संभाजीमहाराज नगर’ और उस्मानाबाद का नाम ‘धाराशिव नगर’ किया जाय! और तो और, आगरा के एक नागरिक बोल उठे : आगरा का नाम बदल कर ‘अग्रवन’ किया जाए, क्योंकि वही पुराना नाम है।
मिरर नाउ की चर्चा में बीजेपी के एक प्रवक्ता तो नामांतरण के नाम पर इतने जोश में दिखे कि कह उठे कि देश के सभी नगरों के मुगल नामों को बदलने के लिए सरकार को सांवैधानिक व्यवस्था करनी चाहिए!

इसे कहते हैं ‘डि-कालोनाइजेशन’ के नाम पर ‘डि-मुगलाइजेशन’! मुगलमुक्त भारत!गैरमुगल भारत!
लेकिन हे भारत भक्तो! अगर ऐसा हुआ, तो मुगलाई भोजन का क्या नाम होगा? एक सौ पांच बरसों पुरानी मुगली घुट्टी का क्या नाम होगा और राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन का नाम क्या होगा?
नोटबंदी की दूसरी वर्षगांठ पर वित्तमंत्री ने नोटबंदी की सफलता को रेखांकित किया तो उसकी हवा निकालने के लिए चिंदबरम ने पे्रस कान्फ्रेंस करके नोटबंदी की हवा निकालते हुए कहा कि न विकास हुआ है न नौकरियां हैं, इसीलिए राममंदिर याद आ रहा है!

क्यों न आए? कहा भी है : ‘कलियुग केवल नाम अधारा’!
लेकिन दिल्ली को गैस चेंबर बताने वाले हे खबर चैनलो! यह तो बताओ कि जब दिल्ली की हवा इतनी ही जहरीली है तो उसे कवर करने वाले आपके रिपोर्टर, कैमरामैन कैसे ठीकठाक दिखते हैं?
हां, प्रदूषण की डरावनी खबरों ने ‘एअर प्यूरीफायर’ का मार्केट जरूर बना दिया है!