जमीअत उलेमा-ए-हिंद के अरशद मदनी जी ने जैसे ही कहा कि मनु हव्वा को पूजते थे, इसी को हम अल्लाह कहते हैं, अंग्रेजी वाले गाड कहते हैं। यानी मनु अल्लाह को पूजते थे… फिर हव्वा की जगह ‘ओम्’ आ गया कि जो ओम् वह अल्लाह..! तुरंत उसी ‘सद्भावना मंच’ से जैन लोकेश मुनि ने कहा कि मदनी साहब के वक्तव्य से हम सहमत नहीं। उन्होंने जितनी कहानियां सुनाई, उनसे ज्यादा मैं सुना सकता हूं। हम सिर्फ इस बात पर सहमत हैं कि हम सब एक हैं, लेकिन इन्होंने पलीता लगा दिया। फिर मुनि जी कई चैनलों पर कहते दिखे कि हम तो ‘सद्भावना सम्मेलन’ में गए थे, वे इस्लाम को सबसे बडा धर्म बता रहे थे… बाकी को नीचा कर रहे थे!
अगले रोज सरकार ने न्यायमूर्ति नजीर को राज्यपाल बना दिया तो फिर शोर शुरू कि ये तो सीधे ‘लेन देन’ है। एक बहस में एक प्रवक्ता ने बताया कि आपकी सरकार भी तो ऐसा करती रहती थी। यानी जो तुमने किया, वह हमने किया। यानी बात बराबर! इस बीच सपा के सांसद शफीकुर्रहमान बोले कि वे मदनी की बात से सहमत नहीं, फिर भी उनके वचन अकारथ गए। चैनलों ने उनको महत्त्व नहीं दिया!
फिर एक दिन एक युवती निक्की की लाश के फ्रिज में मिलने की खबर ने सबको ‘श्रद्धा हत्याकांड’ की याद दिला दी। पुलिस ने बताया कि निक्की के दोस्त साहिल ने गला घोंट कर उसकी हत्या की, फिर लाश फ्रिज में रख दी। अगले दिन नई शादी भी की। ये कैसे दिन आ गए हैं कि फ्रिज भी डराने लगा है।
फिर एक सुबह एक जबर्दस्त ‘हवाई शो’ दिखा और एक फाइटर जेट की पूंछ पर हनुमान जी के चित्र के दिव्य दर्शन हुए! एक विघ्नसंतोषी बोले कि यह उचित नहीं तो एक चैनल ने सुधार किया कि हनुमान जी के चित्र को हटा दिया गया। फिर भी संशय… कि हटा भी कि नहीं! एक धर्म चर्चा में एक वैदिक विद्वान ने साफ किया कि ओम् ‘प्रणव’ और अल्लाह एक नहीं है और यह कहना कि इस्लाम सबसे पुराना धर्म है, इतिहास सिद्ध तो नहीं ही है, अकादमिक नजर से भी कमजोर है। एक चैनल ने मदनी के कथन को ‘इस्लामिक श्रेष्ठतावाद’ का हिस्सा बताया।
वह तो भला हो आयकर विभाग का कि कर चोरी के मामले में बीबीसी के दफ्तरों के ‘खातों’ की जांच शुरू कर उसने मदनी की धार्मिक कहानी को किनारे कर दिया! छापों का सीधा प्रसारण दिखाया जाता रहा। कुछ चैनल बीबीसी को धोते रहे कि बीबीसी ने इंडिया के खिलाफ कैसे-कैसे ‘अपुष्ट नेरेटिव’ गढ़े। एक एंकर ने बीबीसी को ‘बोरिंग ब्रोडकास्टिंग कारपोरेशन’ और ‘एडीटर्स गिल्ड को ‘एडीटर्स गिल्ट’ कहा तो एक भाजपा प्रवक्ता ने बीबीसी को ‘भ्रष्टाचारी ब्राडकास्टिंग कारपोरेशन’ कहा।
पंद्रह दिन से अधिक हुए, लेकिन कुछ हिंदी चैनलों के लिए धीरेंद्र बाबा का जलवा कम न हुआ। वे साक्षात्कार देते रहे। एक चैनल पर गायक अनूप जलोटा ने भी कह दिया कि भारत को हिंदू राष्ट्र होना चाहिए है। नाम ही तो बदलना है! उधर बाबा ने एक व्यंजनात्मक बोल बोल दिया कि संसद में ‘कुछ बड़ा’ होने वाला है। तुरंत कई चैनलों पर ‘हिंदू राष्ट्र बनाना है’ के नारे गूंजते दिखे। सच! पिछले पंद्रह दिन से जितना चैनल समय बाबा ने लिया, उतना किसी ने नहीं! लगता है धर्मयुग की वापसी हो रही है! बहरहाल, नीतीश ने कहा कि ये लोग देश को खत्म कर देंगे।
फिर तमिलनाडु से खबर आई कि एक द्रमुक नेता व उनके साथियों ने फौजी लांस नायक प्रभाकरण को कपड़े धोने के विवाद पर ‘लिंच’ कर दिया! एक चर्चा में आया कि स्थानीय मीडिया ने इसे लगभग ‘ब्लैक आउट’ कर दिया। फिर पलामू से एक चिंतनीय और चर्चित खबर आई कि शिवरात्रि उत्सव के लिए बने एक तोरणद्वार को एक समूह ने तोड़ दिया। पास की मस्जिद की छत से पत्थर चले। छत पर रखे ईंट-पत्थरों को कई चैनलों ने दिखाया। कर्फ्यू लगाना पड़ा। एक एंकर ने शिकायत की कि क्या हिंदू अपना त्योहार भी नहीं मना सकते?
इसी बीच शुक्रवार की दोपहर भाजपा की नेता स्मृति ईरानी ने अचानक बुलाए संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मैं एक नागरिक होने के नाते आह्वान करना चाहती हूं कि एक विदेशी ताकत, जिसका नाम है जार्ज सोरोस, उसने एलान किया है कि वह यहां के जनतंत्र पर चोट करेंगे और पीएम मोदी को अपने वार का मुख्य निशाना बनाएंगे। वे हिंदुस्तान में ऐसी व्यवस्था बनाना चाहते हैं जो उनके हितों का सरंक्षण करे।
मैं हिंदुस्तान के हर व्यक्ति से अपील करती हूं कि यहां सरकार को जनता चुनती है, उसका (सोरोस का) एलान कि वह मोदी को झुका देगा, सरकार को ध्वस्त कर देगा, इसका मुंहतोड़ जवाब हर हिंदुस्तानी को देना चाहिए। हम उसे एक स्वर में जवाब दें कि मोदी ऐसे गलत इरादों के आगे सिर नहीं झुकाएंगे, वे (यहां) सत्ता परिवर्तन की बात कह रहे हैं, ताकि उनके चुने लोग सरकार चलाएं। यह हिंदुस्तान के खिलाफ युद्ध है। इस बीच हरियाणा में एक जली कार में दो मुसलमान युवकों के कंकाल मिले। कहते हैं ये कांड गोरक्षा के नाम पर हुआ। ओवैसी रोष में कहते दिखे कि देश संविधान से चलेगा या गुंडागर्दी से!