इधर संघर्ष विराम, तो उधर सिर्फ गोलीबारी। कुछ पहले तक ‘सब साथ साथ’ और अब विपक्ष खड्गहस्त। सवाल उठने लगे कि अचानक संघर्ष विराम क्यों? ‘पीओके’ क्यों नहीं लिया… चार टुकड़े क्यों न किए… जीत रहे थे, तब पीछे क्यों हटे… जवाब दो! चार दिन की एकता के बाद विपक्ष अपने नख-दंत के साथ मैदान में कि अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे… हमने बांग्लादेश बनाया, तुम तो बीच में ही छोड़ भागे… चूक पर चूना लगा रहे हैं… संसद सत्र बुलाओ..! ट्रंप क्या लगता है?
‘संघर्ष विराम’ की घोषणा के बाद, सेना की प्रेस कान्फ्रेंस: सभी सेनाधिकारी और सोफिया कुरैशी तथा व्योमिका सिंह द्वारा मीडिया को संबोधन… ‘आपरेशन सिंदूर’ की सफलता के जरूरी ब्योरे और सेटेलाइट तस्वीरें… कहां और कैसे पाक के आतंकी निशाने पर लिए गए और ‘एअर बेस’ ध्वस्त किए गए… किस तरह पाकिस्तानी वायुसेना और सुरक्षा प्रणाली को पंगु किया। सौ से अधिक आतंकी मारे… घबराए पाक के डीजीएमओ का हमारे डीजीएमओ से बातचीत के लिए फोन आया, ‘संघर्ष विराम’ का प्रस्ताव दिया… लेकिन युद्ध अब भी जारी है। सिर्फ ‘विराम’ दिया गया है! अगर पाक ने फिर आतंकी हरकत की तो मुंहतोड़ उत्तर देंगे। फिर प्रधानमंत्री का देश को संबोधन कि युद्ध खत्म नहीं हुआ, स्थगित हुआ है..!
पाकिस्तान दुनिया से गुहार लगाता रहा, तब बात करने आया… ‘आतंक’ और ‘बातचीत’ एक साथ नहीं चल सकते… ‘आतंक’ और ‘व्यापार’ एक साथ नहीं चल सकते… ‘पानी’ और ‘खून’ भी एक साथ नहीं चल सकते… बात होगी तो ‘आतंकवाद’ एवं ‘पीओके’ पर होगी..! यहीं प्रधानमंत्री के ‘युद्ध सिद्धांत’ के कुछ नए सूत्र सामने आए: हर आतंकी हरकत भारत के खिलाफ युद्ध मानी जाएगी… परमाणु भयादोहन में नहीं आएंगे.. परमाणु की आड़ में पलने वाले आतंकवाद पर हमला कर उसको खत्म करेंगे।
भारत पहले ही जीत गया था, पाक गुहार लगा रहा था
एक विदेशी युद्ध विशेषज्ञ ने एक चैनल पर कहा कि भारत स्पष्ट रूप से विजेता है। ‘भारतीय वायुसेना’ ने पाकिस्तान के कई वायुसेना अड्डे ध्वस्त किए। परमाणु ठिकानों के ‘प्रवेश’ और ‘निकास’ द्वारों पर रिसाव हो सकता है… भारत पहले ही जीत गया था, पाक गुहार लगा रहा था, बीच में अमेरिका बोल पड़ा, लेकिन पाक कभी हार स्वीकार नहीं करेगा..! यह युद्ध का ‘नया सामान्य’ है… यह एक ‘स्पष्ट भारतीय जीत’ है..! जब आप ‘परमाणु राष्ट्र’ को निशाना बनाते हैं, तो पहले पक्का कर लेते हैं कि वह प्रत्याक्रमण नहीं कर सकता।
विपक्ष के सांसद शशि थरूर ने जैसे ही ‘आपरेशन सिंदूर’ के लिए प्रधानमंत्री को ‘पूरे अंक’ दिए, वैसे ही वे अपने दल के कुछ नेताओं के निशाने पर आ गए। विपक्ष कहता रहा कि ट्रंप की भूमिका पर सरकार चुप क्यों? एक पत्रकार का कहना रहा कि ट्रंप भारत के साथ जैसा कर रहे, वह क्या है… मोदी उनको दोस्त कहते थे… क्या यही दोस्त हैं? इससे भी तसल्ली न हुई तो विपक्ष कहने लगा कि पाक के साथ तुर्किये, चीन है, आपके साथ कौन है? जवाब दिया गया कि इजराइल है, तो कहने लगे कि कुछ कहो… प्रधानमंत्री की कूटनीति नाकाम है।
तुर्की-अजरबैजान की 23 यूनिवर्सिटी पर ‘एजुकेशन स्ट्राइक’, भारत के संस्थानों ने कॉन्ट्रैक्ट रद्द किया
इसके बाद मीडिया के बड़े हिस्से ने जैसे ही ‘तुर्किये का बहिष्कार’ का नारा दिया, वैसे ही भारतीय पर्यटकों ने पर्यटन रद्द करने शुरू किए… दुकानदारों ने तुर्किये के सेब और अन्य फल आदि का आयात बंद करने का एलान कर दिया… और सरकार ने ‘तुर्किये’ कंपनी ‘सेलेबी’ द्वारा नौ बंदरगाहों को दी जाने वाली सेवा को बंद कर दिया! यानी जैसे को तैसा! शायद,यही है भारत का एक ‘नया मिजाज’!
जरा देखिए: एक अंग्रेजी अखबार ने जब सिक्किम के बिना भारत का नक्शा छापा तो एक एंकर ने इसे ‘राष्ट्रद्रोह’ कहा। और एक अन्य ने उसे भारत का ‘अल जजीरा’ कहा। एक आतंकी समर्थक पाकिस्तानी की बातचीत छापने के लिए एक आनलाइन समाचार वेबसाइट को निशाना बनाया गया। एक एंकर ने बालीवुड के कई बड़े हीरो-हीरोइनों को उनकी चुप्पियों के लिए निशाना बनाया। बहरहाल, गुरुवार को ‘आपरेशन सिंदूर’ की ‘सफलता’ का जश्न मनाने के लिए सत्ता दल ने शहर-शहर, बड़ी-बड़ी ‘तिरंगा यात्राएं’ निकालीं और एक बड़े विपक्षी दल ने ‘जय हिंद’ यात्रा भी निकाली!
मध्यप्रदेश के एक मंत्री ने एक महिला सेनाधिकारी को लेकर कुछ ऐसे ‘कुबोल’ कहे कि सारा गुड़ गोबर हो गया। ऐसे कुबोलों ने सत्तादल को ही रक्षात्मक बना दिया। ऐसे सांप्रदायिक और स्त्रीद्वेषी कुबोलों के लिए अदालत तक ने फटकार लगाई और विपक्ष ने उनका इस्तीफा तक मांगा। फिर एक विपक्षी नेता ने कुछ सेनाधिकारियों की ‘जाति’ को खोज ली।
और अंत में, एक ‘मीम’ ने गजब ढाया: एक ओर विपक्ष के नेता का रंगीन फोटो छपा था, ऊपर लिखा था ‘फायर’, उसके बाजू में काले सफेद में मोदी का चित्र छपा था लिखा था ‘संघर्ष विराम’। दिल के समझाने को गालिब ये ‘मीम’ अच्छा है!