Yearly Horoscope 2023 Predictions: साल 2023 में कई छोटे और बड़े ग्रह राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। जिसमें शनि देव, गुरु बृहस्पति, राहु और केतु ग्रह का नाम शामिल है। इन ग्रहों के गोचर का प्रभाव सभी राशियों के जातकों पर देखने को मिलेगा। आइए जानते हैं इन ग्रहों का कब होगा गोचर और 12 राशियों वर्षफल…

शनि देव का होगा गोचर

ज्योतिष शास्त्र मुताबिक सबसे पहले 17 जनवरी कर्मफल दाता शनि देव कुंभ राशि में गोचर करने जा रहे हैं। शनि देव व्यक्ति को कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। साथ ही ज्योतिष में शनि देव को आयु, दुख, रोग, पीड़ा, विज्ञान, तकनीकी, लोहा, खनिज तेल, कर्मचारी, सेवक, जेल आदि का कारक माना जाता है। यह मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं है। वहीं तुला राशि शनि की उच्च राशि मानी जाती है जबकि मेष इसकी नीच राशि है। साथ ही शनि देव की साढ़ेसाती हर व्यक्ति के ऊपर तीन बार आती है और साढ़ेसाती साढ़े सात वर्षों की होती है। शनि की पहले साढ़ेसाती में व्यक्ति के चेहरे के ऊपर प्रभाव डालते हैं। साथ ही दूसरे चरण में पेट पर और तीसरे चरण पर पैरों पर प्रभाव डालते हैं।

अप्रैल में होगा गुरु ग्रह का राशि परिवर्तन

वैदिक ज्योतिष के अनुसार 22 अप्रैल को गुरु ग्रह मेष राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। गुरु ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में 1 साल बाद गोचर करते हैं। वहीं वैदिक ज्योतिष में गुरु ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, धन, दान, पुण्य और वृद्धि आदि के कारक माने जाते हैं। मतलब गुरु ग्रह का प्रभाव इन सेक्टरों के साथ सभी राशियों पर पड़ता है। 

पढ़ें वार्षिक राशिफल:

मेष राशि का वर्षफल 2023वृष राशि का वर्षफल 2023
मिथुन राशि का वर्षफल 2023 कर्क राशि का वर्षफल 2023
सिंह राशि का वर्षफल 2023 कन्या राशि का वर्षफल 2023
तुला राशि का वर्षफल 2023वृश्चिक राशि का वर्षफल 2023
धनु राशि का वर्षफल 2023मकर राशि का वर्षफल 2023
कुंभ राशि का वर्षफल 2023मीन राशि का वर्षफल 2023

अक्टूबर में होगा राहु और केतु ग्रह का गोचर

पंचांग के अनुसार साल 2023 के अंत में राहु और केतु ग्रह का गोचर होगा। आपको बता दें कि राहु और केतु ग्रह हमेशा वक्री अवस्था में ही गोचर करते हैं और इनको गोचर करने में 18 महीने का समय लगता है। ज्योतिष में राहु ग्रह को किसी भी राशि का स्वामित्व प्राप्त नहीं है। लेकिन मिथुन राशि में यह उच्च के माने जाते हैं, तो वहीं धनु राशि में यह नीच के होते हैं।