Manik Gemstone Benefits: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए मंत्र, रत्न और यंत्र का वर्णन मिलता है। यहां हम बात करने जा रहे हैं माणिक्य रत्न के बारे में, जिसका संबंध सूर्य देव से माना जाता है। संस्कृत में माणिक को पद्मराग, रविरत्न कहा गया है। हिंदी में माणिक, चुन्नी और अंग्रेजी में रूबी स्टोन कहा जाता। वहीं सेवा क्षेत्र में सूर्य उच्च व प्रशासनिक पद तथा समाज में मान-सम्मान को दर्शाता है। इसलिए सूर्य देव का कुंडली में सकारात्मक होना बहुत जरूरी है। इसलिए अगर कुंडली में सूर्य देव कमजोर हो तो व्यक्ति को माणिक्य रत्न धारण धारण करना चाहिए। आइए जानते हैं माणिक्य रत्न धारण करने के लाभ और पहनने की विधि…
ये लोग कर सकते हैं माणिक्य धारण (Manik Stone)
रत्न शास्त्र अनुसार मेष, सिंह और धनु लग्न वाले लोग माणिक्य पहन सकते हैं। वहीं धन भाव ग्याहरवां भाव, दशम भाव, नवम भाव, पंचम भाव, एकादश भाव में सूर्य की स्थिति होने पर माणिक्य रत्न को धारण किया जा सकता है। माणिक्य के साथ गोमेद या लहसुनिया और नीलम धारण न करें अन्यथा नुकसान हो सकता है। वहीं, कन्या, मकर, मिथुन, तुला और कुंभ लग्न के जातकों को माणिक रत्न धारण करने से बचना चाहिए। साथ ही माणिक्य रत्न के साथ नीलम, गोमेद और लहसुनिया पहनने से बचना चाहिए।
माणिक्य पहनने के लाभ (Manik Stone Benefits)
ज्योतिष शास्त्र अनुसार माणिक्य रत्न राजनीति और प्रशासन से जुड़े लोगों को धारण करना चाहिए। वहीं माणिक्य पहनकर सूर्य उपासना करने से सूर्य की पूजा का फल कई गुण बढ़ जाता है। साथ ही माणिक्य पहनने से आत्मविश्वास बढ़ता है। हृदय रोग, आंख के रोग, पित्त विकार जैसी सबंधी बीमारी में भी माणिक्य पहने से लाभ होता है।
इस विधि से करें धारण
माणिक्य को बाजार से कम से कम 9 से सवा 10 रत्ती का खरीदकर लाना चाहिए। वहीं माणिक्य रत्न को तांबे या सोने के धातु में जड़वाना चाहिए। साथ ही माणिक्य को रविवार के दिन सुबह धारण करना चाहिए। माणिक्य धारण करने से पहिले अंगूठी को गाय के दूध और गंगाजल से शुद्ध करें। उसके बाद धारण करें। धारण करने के बाद सूर्य ग्रह से संबंधित दान किसी मंदिर के पुजारी को दान में देकर आएं।