Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj: संत श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज एक कथा वाचक हैं। बताया जाता है उन्होंने छोटी उम्र में ही घर छोड़ दिया था और वह काशी रहने लगे थे। वहीं वह अब वृंदावन में रहते हैं और संत्संग के माध्यम से लाखों लोगों का मार्गदर्शन करते हैं। महाराज जी राधा रानी को अपनी ईष्ट मानते हैं। आपको बता दें कि महाराज जी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें वह बता रहे हैं कि आखिर किन आचरणों से आयु का नाश होता है। साथ ही ऐसे कौन से कर्म होते हैं जो हमारी आयु को नष्ट कर देते हैं। आइए जानतें हैं …
इन तिथियों में करना चाहिए ब्रह्मचर्य का पालन
प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज के अनुसार अमावस्या, पूर्णिमा, चतुर्दशी, अष्टमी या एकादशी जैसी पवित्र तिथियों पर गृहस्थ को भी ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपकी आयु कम हो सकती है। वहीं ग्रहण या मध्यान्ह के समय सूर्य की ओर नहीं देखना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से भी नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव व्यक्ति पर पड़ता है।
ईश्वर और शास्त्रों की अवहेलना करना
प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार जो लोग ईश्वर में विश्वास नहीं रखते। साथ ही शास्त्रों की अवहेलना करते हैं और नास्तिक बने रहते हैं। वहीं गुरु का अपमान करते हैं और दुराचारी बने रहते हैं। उन लोगों की सेहत खराब रहती है। साथ ही आयु पर असर पड़ता है। जीवन में सुख- समृद्धि का अभाव रहता है।
दूसरों का उपहास करना
महाराज की बताया कि यदि कोई व्यक्ति दृष्टिहीन, निर्बल, कुरूप या निर्धन है, तो ऐसे लोगों का उपहास नहीं उढ़ाना चाहिए। साथ ही ऐसे लोगों के साथ हमेशा प्रेम से बात करें। वहीं अगर आप ऐसे लोगों का उपहास उढ़ाते हैं, तो मां लक्ष्मी आपसे नाराज हो सकती हैं। साथ ही उम्र पर भी असर पड़ता है।
संध्याकाल में शयन या भोजन
आपने देखा होगा कि कई लोग शाम के समय शयन और भोजन करते हैं तो कि शास्त्रों के अनुसार गलत है। प्रेमानंद जी महाराज बताते हैं कि जो व्यक्ति संध्याकाल में शयन करता है, भोजन करता है, व्यर्थ का भाषण और व्यर्थ की चेष्टाएं करता है, उसकी आयु नष्ट हो जाती है। वहीं जो लोग संकीर्तन, भजन और भगवा में ध्यान लगाते हैं, उनकी उम्र में बढ़ोतरी होती है।