Sankashti Chaturthi 2023 Date: संकष्टी चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश को समर्पित होता है। इसको लंबोदर चतुर्थी, माघी चतुर्थी (Magh chaturthi) के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश का पूजन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। इस बार संकष्टी चतुर्थी का व्रत माघ माह के कृष्ण पक्ष के चतुर्थी तिथि को रखा जाएगा, जो 10 जनवरी को पड़ रही है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, पूजा- विधि और महत्व…
संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2023 (Sankashti Chaturthi 2023 Shubh Muhurat)
पंचांग के मुताबिक संकष्टी चतुर्थी के शुभ मुहूर्त का आरंभ 10 जनवरी को दिन में 12 बजकर 08 मिनट पर होगा। साथ ही इसका समापन 11 जनवरी 2023 को दिन में 2 बजकर 32 मिनट पर होगा। संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रमा की पूजा का खास विधान माना गया है। इसलिए चंद्रमा की पूजा के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है। वहीं इस दिन चंद्रमा रात को 8 बजकर 42 मिनट पर होगा।
संकष्टी चतुर्थी पूजन विधि 2023 (Sankashti Chaturthi 2023 Pujan Vidhi)
इस दिन सुबह जल्दी स्नान कर लें और साफ सुथरे वस्त्र पहन लें। इसके बाद गणेश जी की प्रतिमा या मूर्ति को चौकी पर स्थापित करें। साथ ही इसके बाद धूप या अगरबत्ती प्रज्वलित करें। इसके बाद भगवान गणेश को तिल, गुड़, लड्डू, दुर्वा, फल और चंदन अर्पित करें। साथ ही भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाएं। क्योंकि भगवान को मोदक बेहद प्रिय माने जाते हैं। वहीं इस मंत्र का जाप करें…
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लंबोदराय सकलाय जगद्धितायं।
नागाननाथ श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते।।
जानिए महत्व
संकष्टी चतुर्थी का व्रत रात में चंद्रमा की पूजा करने के बाद ही खोला जाता है। क्योंकि ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। इसलिए जिन लोगों की कुंडली में चंद्र दोष है, उनको गणेष जी की पूजा करने से मुक्ति मिल सकती है। वहीं मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की पूजा करने और अर्घ्य देने से जीवन में सुख- समृद्धि का वास रहता है। वहीं संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का पूजन करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। वहीं गणेश जी की पूजा करने से घर में से नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।