Rahu, Ketu and Shani Planet Upay: वैदिक ज्योतिष में राहु, शनि और केतु को क्रुर ग्रह माना गया है। इन ग्रहों के खराब होने से व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। शनि देव को कर्मफल दाता और न्यायप्रिय माना जाता है। साथ ही शनि देव को आयु, दुख, रोग, पीड़ा, विज्ञान, तकनीकी, लोहा, खनिज तेल, कर्मचारी, सेवक, जेल आदि का कारक माना जाता है। यह मकर और कुंभ राशि का स्वामी होता है। तुला राशि शनि की उच्च राशि है। वहीं वहीं पीड़ित शनि व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की परेशानियों को पैदा करता है। यदि शनि मंगल ग्रह से पीड़ित हो तो यह जातकों के लिए दुर्घटना और कारावास जैसी परिस्थितियों का योग बनाता है। साथ ही व्यक्ति पर झूठे आरोप लगते हैं।
वहीं राहु और केतु कठोर वाणी, जुआ, यात्राएं, चोरी, दुष्ट कर्म, त्वचा के रोग, धार्मिक यात्राएं का कारक माना जाता है। इसलिए अगर कुंडली में ये तीनों ग्रह अशुभ या कमजोर स्थित हो तो व्यक्ति इन सेक्टर से संबंधित परेशानियां हो सकती हैं। साथ ही कुंडली यदि राहु पीड़ित हो तो जातक को इसके नकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। यह जातक के अंदर बुरी आदतों को पैदा करता है। पीड़ित राहु के प्रभाव से जातक छल, कपट और धोखा करता है। व्यक्ति मांस, शराब तथा अन्य मादक पदार्थों का सेवन करता है। वहीं उनको आकस्मिक धन की हानि होती है।
वहीं ज्योतिष में किसी भी ग्रहों को के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए रत्न, मंत्र और उपायों का वर्णन मिलता है। जिनको करने से काफी हद तक ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को दूर किया जा सकता है। यहां हम आपको एक ऐसे उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसको करने से राहु- केतु और शनि देव के अशुभ प्रभाव से आप काफी हद तक बच सकते हैं।
करें ये महाउपाय
अगर आपकी कुंडली में राहु- केतु और शनि देव अशुभ स्थित हैं और उनका अशुभ प्रभाव आपके जीवन पर पड़ रहा है तो आप रोग पहली रोटी गाय की, आखरी रोटी कुत्ते को और पक्षियों को दाना पानी देना शुरू कर दें। ऐसा करने से राहु, केतु और शनि जैसे ग्रह अपने बुरे परिणाम कम देते है और घर मे सुख, शांति और बरकत आती है। दरअसल हिंदू धर्म में गाय को देवतुल्य माना जाता है। साथ ही पुराणों के अनुसार गौ माता में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास होता है। माना जाता है कि पहली रोटी गाय को खिलाने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं।
वहीं काले कुत्ते को रोटी देने से भी राहु-केतु और शनि ग्रह का अशुभ प्रभाव कम होता है। क्योंकि कुत्ते को भेरोबाबा का वाहन माना जाता है। अगर आप कुत्ते को खाना खिलाते हैं तो काल भैरव प्रसन्न होते हैं। वहीं पक्षियों को दाना- पानी देने से भी ग्रह शांत होते हैं।
