December Agni Panchak 2022: शास्त्रों में पंचक काल को बेहद अशुभ समय माना गया है। जिसमें कई कामों को करने की मनाही होती है। आपको बता दें कि पंचक 5 दिन की होती हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जब चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण और उत्तराभाद्रपद, पूर्वाभाद्रपद, रेवती और शतभिषा नक्षत्र के चारों चरणों में भ्रमण करता है तो पंचक काल शुरू होता है। वहीं जब चंद्रमा का गोचर कुंभ और मीन राशि में होता है, तो भी ‘पंचक’ की स्थिति बनती है। आइए जानते हैं पंचक काल की तिथि और किन कार्यों को करने की मनाही होती है…
जानिए, पंचक कब से कब तक
वैदिक पंचांग के मुताबिक इस बार 27 दिसंबर 2022 को मंगलवार के दिन पंचक सुबह 03 बजकर 32 मिनट से शुरू हो रही हैं। साथ ही इनका अंत 31 दिसंबर 2022 को शनिवार के दिन सुबह 11 बजकर 46 मिनट पर होगा। इस दिन शुक्ल पक्ष की पंचमी है। वहीं आपको बता दें कि इस बार अग्नि पंचक लगने जा रही हैं। क्योंकि पंचक की शुरुआत मंगलवार से हो रही है।
जानिए कितने प्रकार की होती हैं पंचक
शास्त्रों के अनुसार पंचकों हर दिन के अनुसार अलग- अलग फल होता है। आपको बता दें कि रविवार के दिन जो पंचक शुरू होते हैं उनको रोग पंचक कहते हैं। वहीं सोमवार को आरंभ होने वाली पंचक को शास्त्रों में राज पंचक कहलाती हैं। यह शुभ भी मानी जाती हैं। मंगलवार के दिन शुरू होने वाली पंचक को अन्नि पंचक कहा गया है। वहीं बुधवार और गुरुवार के दिन लगने वाली पंचक को दोष मुक्त पंचक माना गया है। मतलब इस दिन पंचक का प्रभाव नहीं होता है। वहीं शुक्रवार के दिन होने वाले पंचक काल चोर पंचक कहते हैं। साथ ही शनिवार के दिन होने वाले पंचक काल को मृत्यु पंचक कहा जाता है। इसमें चोर अन्नि पंचक को सबसे अशुभ माना गया है। आपको बता दें कि पंचक हर माह लगभग लगते हैं। पंचकों के दौरान यात्रा करना वर्जित बताया गया है।
पंचकों में इन कामों को करने से बचें
1- पंचक में घर का निर्माण नहीं करना चाहिए। साथ ही लेंटर भी नहीं डालना चाहिए। अगर कोई ऐसा करता है तो मान्यतानुसार उसके काम में व्यवधान आ सकता है। ऐसा करने से घर में क्लेश और धन की हानि हो सकती है।
2- पंचक के दौरान घास, लकड़ी, आदि जलने वाली वस्तुएं एकत्र नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से सुख- समृद्धि का नाश होता है।
3-पंचकों के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करना चाहिए। अन्यथा यात्रा करना कष्टकारी हो सकता है।
4-पंचक के दौरान चारपाई बनवाना शुभ नहीं माना जाता। ऐसा करने से आर्थिक हानि हो सकती है।
5- पंचक काल में किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होना अशुभ माना जाता है। इसलिए अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु पंचक काल में हो जाएं तो उसके शव के साथ कुशा के पांच पुतले रख दें, ऐसा करने से पंचक दोष समाप्त होने की मान्यता है।