पाखंडी गुरुओं की जहरीली बयानबाजी से आपसी एकता, अखंडता और सौहार्द को गहरा आघात लगा है। देश की आजादी के लिए सभी धर्मों, जाति, क्षेत्रों के लोगों ने अपनी कुर्बानी दी है, फिर ये नकली लोग देशभक्ति का पाठ कब से पढ़ाने लगे। ऐसे लोगों के विरुद्ध अविलंब कार्रवाई करनी चाहिए। प्रधानमंत्री को इस पर अपना मौनव्रत तोड़ना चाहिए। देश बेरोजगारी, अशिक्षा, गरीबी, कुपोषण से कराह रहा है, लेकिन ये धर्म का राग अलाप कर देश को गर्त में धकेल रहे हैं। ऐसे विष घोलने वालों को कहीं भी सभा करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए।
उत्तराखंड के हरिद्वार में हुई तीन दिवसीय धर्म संसद को लेकर विवाद जारी है। खुद को धर्मगुरु कहने वाले लोगों ने संविधान की परवाह न करते हुए धर्म संसद में एक धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए। उस पर बवाल मचने के बाद अब उत्तराखंड के डीजीपी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि धर्म संसद में जो भी बयानबाजी हुई वह गलत है। कानूनी तौर पर यह भड़काऊ और नफरत फैलाने वाली बयानबाजी है। इस पर एफआइआर दर्ज कर दी गई है और विवेचना जारी है। इस पूरे मामले में कार्रवाई की जाएगी। जिसने भी कानून के हिसाब से गलत किया है उस पर कार्रवाई होगी।
बता दें कि हरिद्वार में हुई तीन दिवसीय धर्म संसद में जहरीली बयानबाजी सामने आई। हिंदू महासभा के जनरल सेक्रेटरी और निरंजनी अखाड़ा महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा मां ने इस सभा को संबोधित करते हुए हिंदुओं से आह्वान किया कि वे कापी-किताब छोड़ कर शस्त्र उठा लें। एक धर्म विशेष के खिलाफ नफरत बढ़ाने में यती नरसिंहानंद भी पीछे नहीं रहे और उन्होंने भी हिंदुओं से हथियार उठाने की मांग की। उसके बाद उन बयानों को लेकर बवाल मचा हुआ है।
’प्रसिद्ध यादव, बाबूचक, पटना</p>
वैधता पर सवाल
हाल ही में प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 को संशोधित कर संसद में नया चुनाव सुधार कानून पारित किया गया। इसमें आधार कार्ड को वोटर आईडी से जोड़ने का प्रावधान बनाया गया है। हालांकि यह प्रावधान मतदाता के लिए स्वैच्छिक है। इसका उद्देश्य फर्जी वोटर आईडी की समस्या से निपटना है। पर इस विधेयक पर कई तरह के सवाल उठने शुरू हो गए हैं। जैसे, अगर मतदाता आधार कार्ड को वोटर आईडी से जोड़ना नहीं चाहता तो उसे इसका कारण बताना अनिवार्य होगा। इस प्रकार यह प्रावधान व्यावहारिक रूप में अनिवार्य ही होगा। आधार कार्ड के साथ दूसरी सबसे बड़ी समस्या है कि जब आधार कार्ड की खुद की वैधता पर सवाल उठ रहे हों, तो वह वोटर आईडी कार्ड को किस प्रकार पूर्णत: वैधानिक बनाएगा!
’अभिषेक पाल, अंबेडकर नगर, उप्र