Moti Gemstone Benefits: रत्न शास्त्र में नवग्रह से संबंधित नवरत्न का वर्णन मिलता है। जिनको धारण करके ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। यहां हम बात करने जा रहे हैं मोती रत्न के बारे में, जिसका संबंध चंद्रमा ग्रह से है। मोती का रंग सफेद या फिर क्रीम कलर का होता है और इसे चंद्रमा का कारक माना जाता है। आइए जानते हैं मोती धारण करने के लाभ और पहनने की विधि…
मोती का माना जाता है मां लक्ष्मी से संबंध
ज्योतिष शास्त्र में मोती का संबंध मां लक्ष्मी से माना जाता है। मतलब जो लोग मोती रत्न को धारण करते हैं, उन पर मां लक्ष्मी की सदा कृपा बनी रहती है। साथ ही उसके जीवन में सुख- समृद्धि का वास रहता है।
ये लोग पहन सकते हैं मोती
मोती रत्न को कर्क और धनु, मीन राशि के लोग धारण कर सकते हैं। वहीं जिन लोगों की जन्म कुंडली में चंद्रमा ग्रह उच्च या सकारात्मक स्थित हो तो वो लोग भी मोती को धारण कर सकते हैं। चंद्रमा अगर कुंडली में 6, 8 या 12 भाव में स्थित है तब भी आप मोती धारण सकते हैं। वहीं मोती के साथ नीलम और गोमेद पहनने से बचना चाहिए। अन्यथा नुकसान हो सकता है। साथ ही अगर चंद्रमा ग्रह कुंडली में नीच यानि की अशुभ स्थित हो तो मोती नहीं धारण करना चाहिए।
मोती धारण करने के लाभ
मोती रत्न पहनने से तनाव से मुक्ति मिल सकती है। साथ ही जिन लोगों का होटल, खाने-पीने से संबंधित व्यापार करते हैं, वो लोग भी मोती धारण कर सकते हैं। वहीं मोती को पहनने से विचारों पर नियंत्रण होता है और मन की उलझन समाप्त होने लगती है। साथ ही जिन लोगों को क्रोध बहुत आता हो है, वह भी मोती को पहन सकते हैं।
इस विधि से धारण करें मोती
मोती को बाजार से कम से कम 7 से सवा 8 रत्ती का धारण करना चाहिए। साथ ही मोती को चांदी के धातु में जड़वाना चाहिए। वहीं मोती को सोमवार को सुबह पहनना चाहिए। साथ ही मोती को पूर्णिमा के दिन भी धारण किया जा सकता है। क्योंकि इस दिन चंद्रमा की शक्तियां पूर्ण होती हैं। धारण करने से पहले मोती की अंगूठी को पंचामृत में डुबाकर फिर गंगाजल से शुद्ध कर लें, फिर इसको पहन लें।