Benefits Of Moti Ratna: मोती रत्न का संबंध चंद्र ग्रह से माना गया है। मतलब जिन व्यक्ति की कुंडली में चंद्र ग्रह कमजोर या अशुभ स्थित है, उन लोगों को मोती धारण करने की सलाह दी जाती है। आपको बता दें कि मोती का रंग सफेद या फिर क्रीम कलर का होता है और इसे चंद्रमा का कारक माना जाता है। साथ ही मोती पहनने से विचारों पर नियंत्रण होता है और मन की उलझन समाप्त होने लगती है। आइए जानते हैं कौन लोग मोती पहन सकते हैं और धारण करने की सही विधि…
ये लोग कर सकते हैं मोती धारण
वैदिक ज्योतिष अनुसार यदि किसी व्यक्ति पर चंद्रमा की महादशा चल रही हो और कुंडली में चंद्रमा शुभ स्थिति में स्थित है तो मोती धारण कर सकते हैं। साथ ही द्रमा अगर जन्म कुंडली में 6, 8 या 12 भाव में स्थित है तब भी आप मोती पहन सकते हैं। वहीं अगर चंद्र ग्रह कुंडली में कमजोर या उनकी डिग्री कम है तो भी मोती पहना जा सकता है। कर्क और मीन राशि के जातक भी मोती धारण कर सकते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मोती का संबंध मां लक्ष्मी से माना जाता है। मोती को धारण करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। वहीं मोती के साथ कभी नीलम और गोमेद नहीं धारण करना चाहिए। अन्यथा नुकसान हो सकता है।
मोती पहनने के लाभ
मोती धारण करने से तनाव दूर हो सकता है। साथ ही जिन लोगों को मानसिक परेशानी रहती हो तो वो लोग भी मोती पहन सकते हैं।अगर कोई व्यक्ति अवसादग्रस्त हो गया है तो भी उसको मोती पहनना चाहिए। इसे धारण करने से व्यक्ति अपने गुस्से पर काबू करना सीख जाता है। सर्दी जुकाम की समस्याएं दूर होती हैं। वहीं जिन व्यक्ति को अनिद्रा की शिकायत रहती हो वो लोग भी मोती धारण कर सकते हैं।
इस विधि से करें धारण
मोती को बाजार से कम से कम 6 से सवा 7 रत्ती का खरीदना चाहिए। साथ ही मोती को चांदी के धातु में जड़वाकर पहनना चाहिए। वहीं मोती को हाथ की सबसे छोटी उंगली और सोमवार के दिन पहनना चाहिए। वहीं अंगूठी को धारण करने से पहले उसे गंगाजल और गाय के कच्चे दूध से शुद्ध कर लें।
