ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण लगना अच्छा नहीं माना गया है। क्योंकि इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा काफी हावी रहती है। इसलिए ग्रहण के समय मंदिरों के कपाट और पूजा पाठ के कार्य तक बंद कर दिये जाते हैं। इस दौरान खासकर गर्भवती महिलाओं को अपना विशेष ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है। 10 जनवरी को साल का पहला चंद्र ग्रहण लग रहा है जानिए इस चंद्र ग्रहण के दौरान किन-किन बातों का रखें विशेष ध्यान…
चंद्र ग्रहण काल में क्या करें और क्या ना करें (Do’s and Don’ts during Chandra Grahan):
– ग्रहण काल शुरू होने से उसकी समाप्ति तक मंत्रों का जाप, ईष्ट देव की उपासना और मन ही मन जप कर सकते हैं। लेकिन भगवान की मूर्तियों को इस दौरान स्पर्श नहीं करना होता।
– ग्रहण काल में तुलसी का पौधा, शमी के पेड़ को नहीं छूना चाहिए।
– ग्रहण के शुरू होने से खाने पीने की वस्तुओं में तुलसी के पत्ते डालकर रख देने चाहिए। इससे खाना दूषित नहीं होता है।
– ग्रहण काल की समाप्ति के बाद स्नान कर कपड़े बदल लें और घर के मंदिर में भगवान की मूर्तियों पर भी गंगाजल छिड़क कर उन्हें शुद्ध कर दें।
– ग्रहण काल के समय भोजन ग्रहण करना, भोजन पकाना, सोना, मल-मूत्र का त्याग करना, शारीरिक संबंध बनाने की मनाही होती है।
– ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को किसी भी तरह की धारदार वस्तुओं का प्रयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसका बुरा प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ सकता है।
– हो सके तो ग्रहण काल के समय घर से बाहर निकलने से बचें खासकर गर्भवती महिलाएं।
– वैसे तो ग्रहण काल में खाना पीना मना होता है लेकिन गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चों, वृद्धों और बीमार लोगों पर ये नियम लागू नहीं होता है।
– ग्रहण की समाप्ति के बाद घर की अच्छे से सफाई कर लें।
– ग्रहण के समय तेल मालिश भी नहीं करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से स्किन संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
– मान्यता है गर्भवती स्त्रियों को भी ग्रहण के बाद स्नान करना चाहिए। ऐसा नहीं करने से शिशु को त्वचा संबंधी परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
2020 का वार्षिक राशिफल देखें यहां…
मेष (Aries ) | वृषभ (Taurus) | मिथुन (Gemini) | कर्क (Cancer) | सिंह (Leo) | कन्या (Virgo) | तुला (Libra) | वृश्चिक (Scorpio) | धनु (Sagittarius) | मकर (Capricorn) | कुंभ (Aquarius) | मीन (Pisces)