साल 2020 का पहला चंद्र ग्रहण 10 जनवरी को लगने जा रहा है। ये उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। इसके अलावा साल में तीन अन्य चंद्र ग्रहण और 2 सूर्य ग्रहण भी लगेंगे। कुल मिलाकर साल 2020 में कुल 6 ग्रहण पड़े हैं। साल के पहले चंद्र ग्रहण की शुरुआत 10 जनवरी की रात 10 बजकर 39 मिनट से होगी और इसकी समाप्ति 11 जनवरी को 2 बजकर 40 ए एम पर होगी। इस ग्रहण को भारत समेत ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और अफ्रीका के कई इलाकों में देखा जा सकेगा। जानिए साल 2020 में और कितने ग्रहण पड़ेंगे…

चंद्र ग्रहण कब, कहां और कैसे लगेगा? जानिए इससे संबंधित पूरी डिटेल यहां

साल 2020 के चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2020):

5 जून, 2020 को दूसरा चंद्र ग्रहण: इस ग्रहण को भी भारत में देखा जायेगा। इसके अलावा अफ्रीका, एशिया, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में भी ये चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। इसकी शुरुआत 5 जून की रात 11 बजकर 15 मिनट से होगी और इसकी समाप्ति 6 जून को 2.34 ए एम पर होगी।

5 जुलाई, 2020 को तीसरा चंद्र ग्रहण: ये ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा लेकिन दक्षिण पूर्व यूरोप, अमेरिका और अफ्रीका में इस ग्रहण को देखा जा सकेगा। इसकी शुरुआत सुबह 8 बजकर 37 ए एम से हो जायेगी और इसकी समाप्ति 11 बजकर 22 ए एम पर होगी।

2020 का वार्षिक राशिफल देखें यहां…

मेष (Aries ) | वृषभ (Taurus) | मिथुन (Gemini) | कर्क (Cancer) | सिंह (Leo) | कन्या (Virgo) | तुला (Libra) | वृश्चिक (Scorpio) | धनु (Sagittarius) | मकर (Capricorn) | कुंभ (Aquarius) | मीन (Pisces)

30 नवंबर, 2020 को चौथा चंद्र ग्रहण: ये ग्रहण भारत, प्रशांत महासागर, एशिया, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा। इसकी शुरुआत दोपहर 1 बजकर 2 मिनट से हो जायेगी और इसकी समाप्ति शाम 5 बजकर 23 मिनट पर होगी।

साल 2020 में लगने वाले सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2020):

21 जून, 2020 को लगेगा पहला सूर्य ग्रहण: इस ग्रहण की शुरुआत सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर हो जायेगी और इसकी समाप्ति दोपहर 3 बजकर 4 मिनट पर होगी। वहीं दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर इस ग्रहण का प्रभाव सबसे ज्यादा रहेगा। भारत, एशिया और दक्षिण यूरोप में इस ग्रहण को देखा जा सकेगा।

14 दिसंबर, दूसरा सूर्य ग्रहण: यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। लेकिन इसकी शुरुआत शाम 7 बजकर 3 मिनट पर हो जायेगी और इसकी समाप्ति 15 दिसंबर को 12 बजे पर होगी।

ग्रहण से जुड़ी मान्यताएं: मान्यता है कि ग्रहण काल के दौरान खाना-पिना, शोर मचाना या किसी भी प्रकार का शुभ कार्य जैसे पूजा-पाठ आदि नहीं करना चाहिए। सूतक काल के बाद प्रेगनेंट महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और ना ही किसी भी तरह की नुकीली वस्तुओं का इस्तेमाल करना चाहिए। ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान भी जरूर कर लेना चाहिए। सूतक काल शुरू होने से पहले खाने पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालकर देने चाहिए। ग्रहण के दान-पुण्य भी जरूर करना चाहिए।