Budh Pradosh Vrat 2023: साल 2023 का पहला प्रदोष व्रत 4 जनवरी 2023 को पड़ रहा है। प्रदोष व्रत बुधवार के दिन पड़ रहा है। ऐसे में इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस दिन व्रत और भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है।
बुध प्रदोष मुहूर्त (Budh Pradosh Vrat 2023 Muhurta)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रदोष व्रत हर माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है। त्रयोदशी तिथि 3 जनवरी 2023 को रात 10 बजकर 1 मिनट से शुरू होकर 4 जनवरी को रात 12 बजकर 1 मिनट तक रहेगी। पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत 4 जनवरी 2023 को रखा जाएगा।
बुध प्रदोष पूजा विधि (Budh Pradosh Vrat 2023 Puja Vidhi)
-सुबह सूर्योदय से पहले उठे और स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें।
-पूजा स्थल की सफाई करें और गंगा जल से शुद्ध करें।
-गंगा जल, दूध, दधी और पंचामृत से भगवान शिव को स्नान कराएं।
-धूप, दीप, बेलपत्र, फूल और माला से भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करें।
-शिव चालीसा और शिव आरती का पाठ करें।
-महामुर्तुंजय मंत्र का 108 बार जप करें।
-भगवान शिव का दूध या गंगा जल से अभिषेक करें।
प्रदोष व्रत का महत्व (Importance of Budh Pradosh Vrat)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह व्रत सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक का होता है। इस व्रत में शिव परिवार की भी पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान शिव की पूजा करने से संकटों से मुक्ति मिलती है और मनोकामनाएं पूरी होती है। शास्त्र में भी इस व्रत के कई लाभकारी महत्व बताए गए हैं।