Panch Mukhi Rudraksha: शास्त्रों के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से माना जाता है। साथ ही इनको प्राचीन काल से ही आभूषण की तरह पहना गया है। शास्त्रों में 19 मुखी रुद्राक्ष का वर्णन मिलता है यहां हम बात करने जा रहे हैं, पंंचमुखी रुद्राक्ष के बारे में, जिसका संबंंध गुरु ग्रह से माना जाता है। गुरु ग्रह को ज्योतिष में समृद्धि, उन्नति, ज्ञान, गुरु और भक्ति का कारक माना जाता है। आइए जानते हैं पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करने के लाभ और पहनने की सही विधि…
पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने से मिल सकते हैं ये लाभ
शिव पुराण के अनुसार पंचमुखी रुद्राक्ष में पांच रेखाएं होती हैं। इन्हें पंचदेवों का प्रतीक माना जाता है। इसलिए इसको धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सुख- समृद्धि का वास होता है। साथ ही अगर आपकी जन्मकुंडली में गुरु ग्रह अशुभ या नीच अवस्था में स्थित है, तो आप पंचमुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं। साथ ही इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में स्थिरता और सफलता आती है। वहीं पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करने से मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, एसिडिटी और अनिद्रा की स्थिति, श्वसन संबंधी रोगों से भी छुटकारा मिल सकता है।
ये लोग कर सकते हैं धारण
ज्योतिष अनुसार वैसे तो पंच मुखी रुद्राक्ष कोई भी धारण कर सकता है। लेकिन पंच मुखी रुद्राक्ष का संबंध गुरु देव से है। इसलिए धनु और मीन राशि वालों के लिए यह धारण करना ज्यादा फायदेमंद रहता है। साथ ही कला, संगीत, साहित्यकार, शिक्षक, विशेषज्ञ, पत्रकारिता से लोग पंचमुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।
पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करने की सही विधि
शास्त्रों के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने के लिए श्रावण मास सर्वोत्तम माना गया है। लेकन आप सोमवार, पंचमी तिथि और मासिक शिवरात्रि को रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं। वहीं रुद्राक्ष धारण करने से पहले भगवान शिव की प्रतिमा के समक्ष दीपक जलाएं और बेलपत्र अर्पित करें। इसके बाद 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र “ऊं ह्रीं क्लीं नम:” का जप करें। साथ ही शिवलिंग से स्पर्श कराकर रुद्राक्ष धारण करें। इस विधि से धारण करने पर आपको पूर्ण फल प्राप्त होगा। वहीं रुद्राक्ष धारण करके व्यक्ति को कभी भी श्मशान, कब्रिस्तान और इसी तरह की अन्य जगहों पर नहीं जाना चाहिए।