उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों की तरफ से तैयारी जारी है। इधर राज्य सरकार की तरफ से बुधवार को विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने 7301.52 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। बजट में गोवंशीय पशुओं के रखरखाव और अयोध्या में पार्किंग के निर्माण की बात की गयी। आंबेडकर स्मारक के निर्माण की बात भी कही गयी है।
वित्त मंत्री ने कहा कि इसमें कुछ नई मांगे भी हैं। खासतौर से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजन करने के लिए 3000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। गन्ना मूल्य का भुगतान, अधिवक्ताओं के लिए सामाजिक सुरक्षा निधि, आंबेडकर स्मारक तथा सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण, आंगनबाड़ी, आशा कार्यकर्ताओं तथा चौकीदारों के लिए मानदेय में वृद्धि, विद्युत व्यवस्था में सुधार, गोवंशीय पशुओं का रखरखाव और अयोध्या में सुविधाओं और पार्किंग की व्यवस्था और साथ ही साथ मूलभूत ढांचा में वृद्धि जैसी कुछ मुख्य बातें अनुपूरक बजट में शामिल हैं।
खन्ना ने कहा कि इस पर विस्तृत चर्चा तो कल होगी लेकिन हम विशेष रूप से कहना चाहते हैं कि कि इस साढ़े चार साल की सरकार में जनता का नजरिया बदला है। लोक दृष्टि सबसे बड़ा मानदंड होता है किसी भी सरकार के मूल्यांकन का और आज जनता की आवाज की उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं और पुराने कई रिकॉर्ड को तोड़ा भी है। उन्होंने कहा “इसलिए मैं पूरे सदन से अनुरोध करना चाहता हूं कि यह मात्र 1.33 प्रतिशत का अनुपूरक बजट है। अगर बिना चर्चा के ही सभी इसे पारित कर दें तो बहुत अच्छा रहेगा।”
बसपा नेता मायावती ने अनुपूरक बजट को जनता के लिए उम्मीदों का कम व दिल दुखाने वाला ज्यादा बताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “उप्र विधानसभा में आज पेश अनुपूरक बजट राज्य की विभिन्न संकटों में घिरी गरीब व मेहनतकश जनता के लिए उम्मीदों का कम व दिल दुखाने वाला ज्यादा। अगर उप्र सरकार, तमिलनाडु की तरह, पेट्रोल की कीमत तीन रुपये कम कर देती तो करोड़ों लोगों को महंगाई से थोड़ी राहत जरूर मिल जाती।”
उन्होंने कहा, “वैसे भाजपा सरकार ने जिस प्रकार से अंधाधुंध वादे व घोषणाएं की हैं उसके अनुसार बजट का सही प्रबंध नहीं होने से वे कागजी घोषणाएं ही बनकर रह जाएंगी जबकि बसपा सरकार में घोषणाओं से पहले उसके लिए वित्तीय व्यवस्था जरूरी थी। यही असली फर्क है बसपा व अन्य में।”