प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) में अनियमितताओं की जांच करने के लिए पश्चिम बंगाल में एक केंद्रीय टीम दौरे पर है। इसको लेकर भाजपा (BJP) और तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। वहीं राज्य में पंचायत चुनावों से पहले केंद्र सरकार की एक और योजना को लेकर सरगर्मी बढ़ रही है। पिछले एक साल से पश्चिम बंगाल को मनरेगा के बकाया भुगतान को केंद्र द्वारा अंतिम रूप से मंजूरी नहीं दी गई है। 26 दिसंबर 2021 को आखिरी बार मंजूरी दी गई थी। टीएमसी सरकार ने इस मुद्दे को बार-बार उठाया है।

7,500 करोड़ रुपये से अधिक की रकम बाकी

हाल ही में नरेगा संघर्ष मोर्चा (NREGA Sangarsh Morcha), जो योजना से जुड़े मुद्दों को उठाता है, उसने केंद्र सरकार पर पश्चिम बंगाल को मनरेगा फंड के 7,500 करोड़ रुपये से अधिक रोके जाने का आरोप लगाया। इसमें कहा गया है कि ग्रामीण रोजगार योजना के तहत काम करने वालों के वेतन का भुगतान न करना उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

केंद्र ने धन को रोकने के लिए “केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन न करने” का हवाला दिया है। केंद्र पर निशाना साधते हुए मजदूर किसान शक्ति संगठन के संस्थापक सदस्य निखिल डे ने भी इस मामले को उठाया और ट्वीट करते हुए लिखा, “केंद्र कहता है कि राज्य भ्रष्ट है, इसलिए फंड काट दो! कौन पीड़ित है?” मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को कई पत्र लिखे हैं, जिसमें मनरेगा के भुगतान में देरी के साथ-साथ राज्य को जीएसटी बकाए का मुद्दा उठाया गया है।

पिछले साल मई में भेजे गए एक पत्र में ममता बनर्जी ने मनरेगा और पीएम आवास योजना दोनों फंड जारी करने के लिए पीएम के हस्तक्षेप की मांग की थी। उन्होंने कहा, “पश्चिम बंगाल में मजदूरी भुगतान चार महीने से अधिक समय से लंबित है क्योंकि भारत सरकार फंड जारी नहीं कर रही है।” नवंबर में उन्होंने कहा था, “मैं व्यक्तिगत रूप से प्रधान मंत्री से मिली और इस मामले पर उनसे बात की। क्या अब मुझे उनके पैर छूने पड़ेंगे?”

पश्चिम बंगाल के पंचायती मंत्री प्रदीप मजूमदार (Panchayat Minister Pradip Majumdar) ने नवंबर में दिल्ली में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह (Union Rural Development Minister Giriraj Singh) से मुलाकात की थी और बैठक के बाद मनरेगा फंड के जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद जताई थी। हालांकि अभी पैसा फंसा हुआ है। बता दें कि पिछले महीने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मीटिंग की थी

केंद्र दखल नहीं दे रहा

प्रदीप मजूमदार ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “हम फंड मांग रहे हैं लेकिन केंद्र इस मामले को देखने के लिए उत्सुक नहीं है।” वहीं भाजपा ने कहा कि टीएमसी सरकार खुद ‘बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार’ और ‘धन के कुप्रबंधन’ के कारण देरी के लिए जिम्मेदार है। बीजेपी ने कहा, “केंद्र धन जारी करने के लिए तैयार है। लेकिन पहले राज्य सरकार को जारी की गई धनराशि का हिसाब देना होगा। अगर राज्य इसमें विफल रहता है, तो केंद्र अधिक धनराशि क्यों भेजेगा?”