शाहजहांपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के सांसद अरुण कुमार सागर ने बसपा के फाउंडर और यूपी में दलित राजनीति के चेहरा रहे कांशीराम के लिए भारत रत्न की मांग की है। अरुण कुमार सागर ने कांशीराम को बहुजन नायक करार दिया और कहा कि उन्होंने अपना जीवन पिछड़ों के उत्थान के लिए काम किया।
अरुण कुमार सागर द्वारा की गई मांग का बीएसपी चीफ मायावती ने भी समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि अगर कांशीराम को भारत रत्न दिया जाता है तो बीएसपी इस फैसले का स्वागत करेगी। हालांकि साथ ही बीजेपी ने सत्ताधारी बीजेपी ने “दलितों को गुमराह करना” बंद करने की भी बात कही।
जाटव बिरादरी से संबंध रहते हैं अरुण कुमार सागर
बीजेपी सांसद अरुण कुमार सागर दलित जाति से संबंध रखते हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बीएसपी के साथ ही की थी। वह बीएसपी में जोनल कोऑर्डिनेटर रहे हैं। वह मायावती की सरकार के दौरान साल 2007 और साल 2012 में यूपी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। हालांकि वह साल 2012 में पुवायां विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे। इसके बाद उन्होंने 2015 में बीजेपी का दामन थाम लिया। यूपी बीजेपी ने उन्हें पार्टी में बृज क्षेत्र का उपाध्यक्ष बनाया। वह वर्तमान में यूपी में बीजेपी की तरफ से अकेले जाटव दलित एमपी हैं।
द इंडियन एक्सप्रेस के साथ इंटरव्यू में अरुण कुमार सागर ने कांशीराम को भारत रत्न दिए जाने की अपनी डिमांड, यूपी की दलित राजनीति और विभिन्न विषयों पर बात की। आइए आपको बताते हैं इंटरव्यू से जुड़ी बड़ी बातें।
बीजेपी सांसद होने के बाद भी आपने कांशीराम के लिए भारत रत्न की डिमांड क्यों की?
मैं कांशीराम के लिए इस सम्मान की मांग करता हूं क्योंकि वो सोशल चेंज लाए और उन्होंने दलितों व पिछड़े समुदायों के लिए बलिदान दिया। मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो हमेशा दलितों, शोषित वर्गों और समाज के पिछड़े वर्गों के हित में बात करते हैं, कांशीराम को भारत रत्न से सम्मानित करेंगे।
अन्य दलों और राज्यों में कई दलित नेता हैं। फिर भी आपने कांशीराम के लिए ही भारत रत्न की डिमांड क्यों की?
कई दिग्गजों को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। जब बीजेपी ने वीपी सिंह सरकार का समर्थन किया था, कांशीराम ने बाबा साहब बीआर अंबेडकर के लिए भारत रत्न की डिमांड की थी, जो पूरी हुई।इसलिए अंबेडकर को भारत रत्न दिए जाने का क्रेडिट बीजेपी को जाना चाहिए।
क्या आपने अपनी डिमांड के लिए बीजेपी में किसी से या किसी केंद्रीय मंत्री से बात की?
नहीं, मैंने इस बारे में पार्टी में किसी से बातचीत नहीं की लेकिन आने वाले दिनों में मैं पार्टी की टॉप लीडरशिप से इस बारे में बात करूंगा।
मायावती ने आपकी डिमांड पर प्रतिक्रिया दी है…
मैं बहनजी का सम्मान करता हूं। वह बीएसपी पार्टी की चीफ हैं और वो चाहे जो बोल सकती हैं। मैंने जो मांग की वह मेरी भावना थी और मैं किसी को गुमराह नहीं कर रहा हूं।
2014 और 2019 में दलितों ने बीजेपी दलितों को साधने में सफल रही लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में मालूम पड़ता है कि यह वोट सपा-कांग्रेस की तरफ शिफ्ट हुआ है। आपको क्या लगता है क्या हुआ?
मैं 25 साल से ज्यादा समय से राजनीति में हूं। जाटव समुदाय ने कभी सपा के लिए वोट नहीं किया है। हालांकि इस बार इंडिया ब्लॉक ने झूठा प्रचार किया कि बीजेप संविधान में बदलाव करेगी और आरक्षण खत्म कर देगी। इससे बीजेपी को नुकसान हुआ।
बीजेपी समय रहते इस “दुष्प्रचार” को क्यों फेल नहीं कर पाई?
चुनाव नजदीक थे। कांग्रेस पार्टी ने बहुत सारे झूठे वादे किए।
2024 के लोकसभा चुनाव ने नई दलित राजनीति देखी, मालूम पड़ता है कि दलित समुदाय ने बीजेपी और बीएसपी को छोड़ दिया है। हमने चंद्रशेखर आजाद को भी देखा, वो नगीना सीट जीते। आकाश आनंद बीएसपी में उभरे हैं। आपको क्या लगता है कि ये बदलाव बीजेपी को कैसे प्रभावित करेंगे?
आजाद और आनंद के उभरने से बीजेपी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। पिछले दो विधानसभा चुनाव में दलितों ने बीजेपी का समर्थन किया है। मेरी लोकसभा सीट में आने वाली सभी छह सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है। मैं अन्य इलाकों में उभरे नए समीकरणों से अवगत नहीं हूं लेकिन वो शाहजहांपुर में बीजेपी से पीछे हैं। जो बीजेपी से दूर गए भी हैं लेकिन वो सपा-कांग्रेस को वोट डालने की अपनी गलती स्वीकार करेंगे। उनमें पछतावा है और वो जरूर वापस लौटेंगे।