अनुब्रता मंडल ममता बनर्जी के खासमखास सिपहसालार माने जाते हैं। लेकिन फिलहाल वो कैटल स्मगलिंग के केस में जेल में बंद हैं। सामने सूबे का पंचायत चुनाव है। ममता को पहले लगता था कि अनुब्रता जल्दी जेल से छूटकर आ जाएंगे। उन्होंने कहा भी था कि जब वो जेल से बाहर निकलेंगे तो उनका शानदार स्वागत किया जाएगा। लेकिन अब उनके बाहर आने के आसार कमजोर होते जा रहे हैं। लिहाजा ममता ने अनुब्रता के बगैर ही पंचायत चुनाव में उतरने की रणनीति तैयार की है। इसमें जेल में बंद नेता के धुर विरोधियों को बीरभूम की कमान सौंपी गई है।
ममता बनर्जी ने अनुब्रता की धुर विरोधी और अल्पसंख्यक नेता काजल शेख के साथ सांसद शताब्दी रॉय को बीरभूम जिले की इलेक्शन कोर कमेटी में जगह दी है। उनके इस फैसले के बाद कमेटी के सदस्यों की तादाद चार से सात तक पहुंच गई है। ममता का कहना है कि वो खुद अपने मंत्री फिरहाद हाकिम के साथ सारे चुनाव पर नजर रखेंगी। हालांकि अनुब्रता के बगैर बीरभूम में टीएमसी कमजोर ही कही जाएगी। लेकिन शताब्दी और काजल शेख को आगे करके ममता ने अपने इरादे जगजाहिर कर दिए हैं। मतलब साफ है कि कैसे भी पंचायत चुनाव को जीतना है।
पहले इस कोर कमेटी में विधायक बिकास रॉय चौधरी, अभिजीत सिंह, चंद्रनाथ सिंह, आशीष बंधोपाध्याय शामिल थे। अब इस कमेटी में शताब्दी रॉय और काजल शेख के अलावा असित मल भी शामिल हैं। सोमवार को ममता ने बीरभूम जाकर एक बैठक की। अभिनेत्री से नेत्री बनीं शताब्दी रॉय ने लोकसभा के तीन चुनाव बीरभूम से लड़े हैं। अक्सर वो अनुब्रता की आलोचना करती देखी जाती हैं। हालांकि कभी उन्होंने खुलकर अनुब्रता पर कोई आरोप नहीं लगाया लेकिन उनका कहना था कि उन्हें पार्टी की बैठकों में नहीं बुलाया जाता है। उनके जेल जाने के बाद वो बीरभूम में खुलकर जाने लगीं। हालांकि सार्वजनिक तौर पर वो कहती हैं कि अनुब्रता के साथ वो हर कदम पर खड़ी हैं। काजल शेख भी अनुब्रता की खासी विरोधी रही हैं। उनकी अरेस्ट के बाद उन्होंने एक आपत्तिजनक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर डाली थी। उनका कहना था कि ताकत हमेशा कायम नहीं रहती।
ममता के तेवरों से साफ है कि वो तमाम बड़े नेताओं को लाकर पंचायत चुनाव में हर हाल में जीत हासिल करना चाहती हैं। फिरहाद हाकिम कहते भी हैं कि बीरभूम की सभी सीटें जीतनी हैं। हालांकि बीजेपी के नेताओं को ये एक्सरसाइज बेकार की लगती है। बीजेपी नेता सम्मिक भट्टाचार्य कहते हैं कि तृणमूल एकता दिखाने की कोशिश में है लेकिन पब्लिक को सब कुछ पता है। ये सारे पैंतरे चुनाव में काम नहीं आने वाले।